Friday 17 August 2018

पंचतत्व में विलीन हुए अटल बिहारी वाजपेयी | Kosar Express

बेटी नमिता ने दी मुखाग्नि, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्रवार को राष्ट्रीय स्मृति स्थल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। यहां हजारों की संख्या में लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया था। वह 93 वर्ष के थे। वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता ने वैदिक मंत्रोच्चारण और सैनिकों द्वारा 21 बंदूकों की सलामी के बीच उन्हें मुखाग्नि दी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्मृति स्थल में महान नेता को अंतिम विदाई दी। इस मौके पर कई देशों के अधिकारी भी मौजूद थे। राजकीय सम्मान के तहत नेताओं द्वारा वाजपेयी के पार्थिव शरीर को पुष्पमाला अर्पित करने से पहले तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वाजपेयी के पार्थिव शरीर से लिपटे तिरंगे को हटा लिया गया और इसे दत्तक पोती निहारिका को दे दिया गया, जिसके बाद पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों का सौंप दिया गया।


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा नेता और वाजपेयी के लंबे समय से सहयोगी रहे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अंतिम संस्कार में मौजूद थे।

इस मौके पर भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएल्ला और बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन महमूद अली भी दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार में मौजूद थे।

जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकाजुर्न खड़गे और आनंद शर्मा, लोकसभा के उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई, पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.राजा, एमडीएमके प्रमुख वाइको और तृणमूल के नेता दिनेश त्रिवेदी भी महान नेता के अंतिम संस्कार का गवाह बने।

इससे पहले हजारों लोग वाजपेयी के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय से स्मृति स्थल लाने के वक्त मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में निधन हो गया था। सरकार ने उनके सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।

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