चतुर-चालाक नेताओं के शिकंजे में अल्पसंख्यक समाज की महिलाए
देवास। कावडय़ात्रा को लेकर पूरा शहर भक्तिमय हुआ। ऐसे में कांग्रेस के ऊर्जावान नेता अकरम शेख तृप्ति जो कि मुस्लिम संगठनों में कई पदों पर रहकर भी कौम में रहबर के रूप में नही उभर सके तो अब नए-नए हथकण्डे अपनाने लगे है।
जहां कावड़ यात्रा का स्वागत तो खुद करते है साथ में भोलीभालि मुस्लिम महिलाओं को कई वार्डों से बुलाकर राशन कार्ड, मजदूर डायरी, बिलमाफी जैसे कई लालच देकर अपना उल्लू सीधा कर लेते है। जिससे समाज में बने रहने के लिए व मीडिया में वाहवाही लूटने के लिए नए-नए हथकण्डे आयोजनों को करके समाचार पत्रों की सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसी मुस्लिम महिलाओं को दांव पर लगा दिया जाता है। दोनों शहर काजी भी इस ओर ध्यान नही दे रहे है। कभी भी ध्यान नही दे रहे है। कभी भी शहर में होने वाले धार्मिक आयोजनों में कोई ऊंच-नीच हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। जबकि इस्लाम धर्म में बहन-बेटियों को पर्दे में रहने का हुक्म दिया गया है और गैर मर्द के सामने जरूरी हो तो आने का हुक्म है, पर नेता अपने स्वार्थ के लिए इन भोली भालि मुस्लिम महिलाओं को अपने साथ में खड़ा रखकर पाप का भागीदार बनाते है।
इन महिलाओं ने किया स्वागत ?
सैयद मीना अली, जरीना बी, सलमा बी, सितारा बी, फरीदा बी, अफसाना बी, रूखसाना बी, रिजवाना बी, सलीबा बी
सैयद मीना अली, जरीना बी, सलमा बी, सितारा बी, फरीदा बी, अफसाना बी, रूखसाना बी, रिजवाना बी, सलीबा बी
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