Thursday 16 August 2018

डिफाल्टर नोटिस पर बोले मंत्री, पाई-पाई चुका देंगे | Kosar Express


देवास। मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सुरेंद्र पटवा को बैंक ऑफ बड़ौदा ने विलफुल डिफॉल्टर का शो-कॉज नोटिस जारी किया है।यह नोटिस बैंक से करोड़ों रुपए का लोन लेकर नहीं चुकाने के मामले में बैंक ने कर्ज लेने वाली संस्था मेसर्स पटवा ऑटोमेटिव प्रालि, लसूड़िया मोरी, देवास नाका इंदौर और कर्जदार के जमानतदार और डायरेक्टर राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा, उनकी पत्नी मोनिका पटवा, भाई भरत पटवा व अन्य के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। बैंक ने अख़बारों में भी इसका विज्ञापन प्रकाशित किया है। वही इस नोटिस को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है और इस्तीफे की मांग कर रहा है। लगातार बढ़ते राजनैतिक दबाव के चलते मंत्री पटवा ने मीडिया के सामने सफाई पेश की है और कहा है कि वे जल्द से जल्द बैंक का एक -एक पैसा लौटा देंगें।

दऱअसल, कल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मंत्री पटवा अपने प्रभार वाले जिले देवास पहुंचे थे। यहां उन्होंने राष्ट्र ध्वज फहराकर परेड की सलामी ली। इस दौरान मीडिया के डिफाल्टर घोषित होने के सवाल पर उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि साल भर से हमारा व्यवसाय बन्द पड़ा था, जिसके चलते हम पैसा नही चुका पाए । लेकिन पिछले चार महीने से हमने फिर से व्यवसाय को खड़ा किया है। हमने इस संबंंध में बैंक से भी बात की है और दो महिने का समय मांगा है।बावजूद इसके मुझे नहीं पता बैंक ने नोटिस क्यों दिया है। जब बात चल रही थी तो बैंक को इस तरह नोटिस नहीं देना था। मानहानि के सवाल पर बोले कि हमारी लीगल टीम से बात जारी है। हम बैंक का एक-एक पैसा चुकाएंगे।

ये है पूरा मामला
मंत्री पटवा और उनके परिवार ने बैंक ऑफ बड़ौदा से पटवा ऑटोमेटिव प्रालि के लिए लोन लिया था। परंतु बैंक लोन नहीं चुकाने पर बैंक ने उनकी संपत्ति को सीज पर कर लिया, लेकिन बैंक को लोन की पूरी रकम नहीं मिली है। 34 करोड़ बकाया राशि के लिए बैंक ने सुरेंद्र पटवा और परिजनों की संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी थी। अब बैंक ने पटवा ऑटोमेटिव प्रालि डायरेक्टर राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा, उनकी पत्नी मोनिका पटवा, भाई भरत पटवा व अन्य के खिलाफ "विलफुल डिफॉल्टर" घोषित करने के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया है, बैंक ने इसकी सूचना अखबार में प्रकशित की है और 15 दिन का समय भी दिया है, जिसमे वो बैंक को जवाब दे सकते हैं। इसके बाद बैंक द्वारा उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया जायेगा।

पहले भी जारी हो चुका है नोटिस
हालांकि यह पहला मौका नही है जब मंत्री को नोटिस जारी किया गया है। इसके पहले भी पटवा के खिलाफ चेक बाउंस के एक मामले में जिला कोर्ट के आदेश पर प्रकरण दर्ज हो चुका है। वहीं इसके अलावा इंदौर की एक फर्म से ब्याज पर 10 लाख रुपए उधार लेने के मामले मेंचेक बाउंस होने पर रुपए उधार देने वाली फर्म ने जिला कोर्ट में पटवा के खिलाफ परिवाद दायर किया था।

जानिए क्या होता है 'विलफुल डिफॉल्टर'
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को चार परिस्थितियों में विलफुल डिफॉल्टर यानी जानबूझ कर कर्ज नहीं लौटाने वाला ग्राहक घोषित किया जाता है। पहला, जब देय तिथि को ग्राहक वित्तीय क्षमता होने के बावजूद कर्ज की किस्त नहीं लौटाए। दूसरा, कर्ज की राशि का इस्तेमाल उस कार्य के लिए नहीं किया जाए, जिसके लिए उसे प्राप्त किया गया है। तीसरा, कर्ज की राशि का इस्तेमाल संपत्ति निर्माण के लिए नहीं किया गया हो। कंपनी या ग्राहक कर्ज की राशि के उपयोग का कोई औचित्य नहीं बता सके। चौथा, कर्ज की राशि से खरीदी गई संपत्ति को किसी दूसरे पक्ष को बगैर बैंक या वित्तीय संस्थान को जानकारी दिए बेच दिया जाए। ऐसे ग्राहकों को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर बैंक या वित्तीय संस्थान उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।

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