Wednesday, 25 July 2018

हार्दिक पटेल को दो साल की सजा, भाजपा विधायक के दफ्तर में की थी तोड़फोड़ | Kosar Express

दंगा केस में हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा, पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई थी तोड़फोड़



नई दिल्ली। गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर बड़ा फैसला आया है। आंदोलन के दौरान राज्य के मेहसाणा में हुई हिंसा के लिए विजनगर की कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी माना है। बुधवार इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई है। इन पर भाजपा विधायक के दफ्तर पर तोड़फोड़ करने का आरोप था।

कोर्ट ने हार्दिक और लालजी पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगा और आगजनी मामले में हार्दिक पटेल को दोषी करार दिया है। लालजी को भी दो साल जेल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने 17 आरोपियों में से 3 लोगों को दोषी ठहराया है, वहीं 14 लोगों को बरी कर दिया है।

मेहसाणा के विसनगर में 23 जुलाई 2015 भाजपा के विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई थी। इससे पहले मेहसाणा की जिला अदालत ने 2015 में पटेल के ऑफिस पर हुए हमले के मामले में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था। अब अदालत ने हार्दिक पटेल और लालजी पटेल को दोषी ठहराया है। बता दें कि हार्दिक ने पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग की थी। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में हुए इसी आंदोलन के दौरान भाजपा विधायक के दफ्तर को निशाना बनाया गया था।

कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीति तेज होने की संभावना है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब 25 अगस्‍त से हार्दिक पटेल सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अपने समुदाय के सदस्यों को आरक्षण की मांग पर जोर देने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आमरण अनशन उनकी अंतिम जंग होगी। पटेल ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट विडियो संदेश में कहा कि अपने समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण प्राप्त करना उनकी प्राथमिक चिंता है।

कोर्ट ने इस मामले में फरियादी को 10 हजार, भाजपा विधायक को 40 हजार और एक कार मालिक को एक लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया। पाटीदार आंदोलन के दौरान यह राज्य में दर्ज किया गया पहला मामला था।


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