2001 में अमेरिकी सेनाओं ने तालिबान को सत्ता से हटा दिया था। अभी भी संयुक्त फौजें मिलकर तालिबान से लड़ रही हैं।
तालिबान ने तीन दिन का संघर्ष विराम घोषित किया था, हालांकि इसमें विदेशी फौजें शामिल नहीं थीं
एक मानवाधिकार समूह ने लश्करगाह में अफगान सैनिकों और तालिबान आतंकियों के बीच मुलाकात करवाई
काबुल. अफगानिस्तान में 22 साल में पहली बार तालिबान आतंकियों और अफगानिस्तान सैनिकों ने मिलकर ईद मनाई। इस दौरान सैनिक और आतंकी एक-दूसरे से गले मिले, हाथ मिलाए और सेल्फी ली। अफगानिस्तान सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन ये तस्वीरें पाकिस्तान के मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। अफगानिस्तान में 1996 से 2001 तक तालिबान का शासन था। 2001 में अमेरिका की अगुआई वाली सेनाओं ने तालिबान को सत्ता से हटा दिया था। अभी भी अमेरिका-नाटो और अफगान फौज मिलकर तालिबान से लड़ रही हैं।
अफगानिस्तान सरकार ने रमजान के दौरान संघर्ष विराम का ऐलान किया था जो 13 जून को खत्म हो गया था। इसके बाद तालिबान ने तीन दिन का संघर्ष विराम घोषित किया था। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री मसूद अजीजी ने कहा कि संघर्ष विराम के दौरान देशभर में नजर रखी जा रही थी। शुक्र है कि इस दौरान कोई हमला नहीं हुआ। हेलमंद, कंधार और जाबुल प्रांत के गवर्नरों ने भी बताया कि बीते 24 घंटे में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।
जहां धमाके हुए, वहां फौज और आतंकियों की मुलाकात हुई
एक मानवाधिकार समूह ने हेलमंद की राजधानी लश्करगाह में अफगान फौज और तालिबान आतंकियों के बीच मुलाकात करवाई। पिछले साल लश्करगाह में तालिबान ने कई धमाके किए थे। यहां कई लोग फौज और तालिबान आतंकियों के घेरे नजर आए। लोगों ने उनसे अपील की कि वे अपने हथियार किनारे रखकर एक-दूसरे से गले मिलें। जाबुल के एक छात्र कैस लिवाल ने कहा कि इस बार की ईद काफी शांतिपूर्ण रही। ये पहली बार है कि जब हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
![]() |
शनिवार को ईद के मौके पर गलते मिलते अफगान सैनिक और तालिबान आतंकी। |
तालिबान ने तीन दिन का संघर्ष विराम घोषित किया था, हालांकि इसमें विदेशी फौजें शामिल नहीं थीं
एक मानवाधिकार समूह ने लश्करगाह में अफगान सैनिकों और तालिबान आतंकियों के बीच मुलाकात करवाई
काबुल. अफगानिस्तान में 22 साल में पहली बार तालिबान आतंकियों और अफगानिस्तान सैनिकों ने मिलकर ईद मनाई। इस दौरान सैनिक और आतंकी एक-दूसरे से गले मिले, हाथ मिलाए और सेल्फी ली। अफगानिस्तान सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन ये तस्वीरें पाकिस्तान के मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। अफगानिस्तान में 1996 से 2001 तक तालिबान का शासन था। 2001 में अमेरिका की अगुआई वाली सेनाओं ने तालिबान को सत्ता से हटा दिया था। अभी भी अमेरिका-नाटो और अफगान फौज मिलकर तालिबान से लड़ रही हैं।
अफगानिस्तान सरकार ने रमजान के दौरान संघर्ष विराम का ऐलान किया था जो 13 जून को खत्म हो गया था। इसके बाद तालिबान ने तीन दिन का संघर्ष विराम घोषित किया था। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री मसूद अजीजी ने कहा कि संघर्ष विराम के दौरान देशभर में नजर रखी जा रही थी। शुक्र है कि इस दौरान कोई हमला नहीं हुआ। हेलमंद, कंधार और जाबुल प्रांत के गवर्नरों ने भी बताया कि बीते 24 घंटे में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।
जहां धमाके हुए, वहां फौज और आतंकियों की मुलाकात हुई
एक मानवाधिकार समूह ने हेलमंद की राजधानी लश्करगाह में अफगान फौज और तालिबान आतंकियों के बीच मुलाकात करवाई। पिछले साल लश्करगाह में तालिबान ने कई धमाके किए थे। यहां कई लोग फौज और तालिबान आतंकियों के घेरे नजर आए। लोगों ने उनसे अपील की कि वे अपने हथियार किनारे रखकर एक-दूसरे से गले मिलें। जाबुल के एक छात्र कैस लिवाल ने कहा कि इस बार की ईद काफी शांतिपूर्ण रही। ये पहली बार है कि जब हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
![]() |
हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह में एक मानवाधिकार समूह ने आतंकियों और सैनिकों को मिलवाया। |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.