Wednesday 30 May 2018

किसान आंदोलन : आलू-प्याज, दाल और दूध की आपूर्ति पर फोकस | Kosar Express

एक जून से 10 जून तक प्रस्तावित किसानों के गांव बंद आंदोलन को लेकर दोनों पक्ष पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं।

इंदौर/भोपाल/जबलपुर/ग्वालियर। एक जून से 10 जून तक प्रस्तावित किसानों के गांव बंद आंदोलन को लेकर दोनों पक्ष पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। किसान किसी भी हालत में आंदोलन को सफल बनाने में गुपचुप रणनीति बनाने और प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं तो सरकार के संकेत पर पुलिस-प्रशासन के अफसर आंदोलन को रोकने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जुट गए हैं।

मंदसौर में सीएम की सभा

किसान आंदोलन शुरू होने से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर में सभा करेंगे। वे मंदसौर-नीमच जिले के संयुक्त असंगठित कामगार सम्मेलन में शामिल होंगे। जिलेभर से लोगों को लाने के लिए 400 बसों की व्यवस्था की गई है। एक-एक ग्राम पंचायत में दो से तीन बस लगाकर उसके प्रभारी बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री यहां नए कलेक्टर कार्यालय, आरटीओ व शिक्षा विभाग कार्यालय सहित दो सड़कों का लोकार्पण करेंगे।

मंदसौर जिले में पुलिस फोर्स का मूवमेंट शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री किसान आंदोलन से पहले प्रति एकड़ के हिसाब से उपज का दाम तय करने की घोषणा कर सकते हैं। इधर, आंदोलन के डर से लोग किराना सामान भर रहे हैं। बोले-अप्रिय स्थिति बनने पर दाल-रोटी तो मिल जाएगी। इसी के चलते किराना दुकानों पर भीड़ लग रही है।

नीमच में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन का फोकस आलू-प्याज, दाल और दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर है। उज्जैन में पटवारियों से लेकर अनुविभागीय अधिकारियों को अधिक से अधिक गांवों में जाकर किसानों से सीधी बात करने को कहा जा रहा है।

होशंगाबाद में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के खिलाफ भड़के किसानों ने नोटिस वापस कर दिए हैं तो मंदसौर में लोगों ने किराना सामान का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। यहां पुलिस जवानों को अलग-अलग थाना क्षेत्रों में भेजा जाना प्रारंभ हो गया है। मालवा-निमाड़ के जिलों में प्रशासन का आलू-प्याज, दाल और दूध की आपूर्ति पर फोकस है। ग्वालियर-चंबल, महाकोशल और विंध्य इलाकों के कुछ ही जिलों में किसान सक्रिय दिख रहे हैं।
होशंगाबाद में गांव बंद आंदोलन की तैयारियों में जुटा राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ किसानों को नोटिस देने और बांड भराने जैसी कार्रवाई पर भड़क गया है। महासंघ ने इसे उकसाने वाली कार्रवाई बताते हुए सरकार को चेताया है कि इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। सिवनीमालवा में किसानों ने एसडीएम द्वारा जारी किए गए नोटिस का विरोध जताते हुए नोटिस वापस कर दिए हैं।

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