मिलेनियम सिटी सहित शहर में 110 स्थान ऐसे हैं जो सरकारी संपत्ति है एवं जहां नियमित रूप से नमाज पढ़ी जाती है परंतु अब इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। कुछ संगठनों इसका विरोध कर रहे हैं। प्रशासन भी सहमत है कि सरकारी जमीन का उपयोग बिना अनुमति किसी भी गतिविधि के लिए नहीं किया जा सकता। चैंकाने वाली बात तो यह है कि वक्फ बोर्ड अब तक शहर में नमाज के लिए जमीन तय नहीं कर पाया है। इसी के चलते शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर दिनभर उहापोह की स्थिति रही। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने एहतियात के तौर सेक्टर-43 के मैदान में बोर्ड लगाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया। ऐसे नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं मिली।
आधा दर्जन स्थानों पर नमाज रोकी
पुलिस ने दोपहर बाद नमाज पढ़ने पहुंचे मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोर्ट का हवाला देते हुए वापस भेज दिया। वहीं सरकारी जमीन पर नमाज पढ़ने का विरोध जता रहे हिंदू संगठनों को भी मैदान से दूर रखा। उन्हें किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं करने दी। एसीपी डीएलफ अनिल यादव खुद मौके पर मौजूद रहे। हालांकि देर शाम हिंदू संगठनों की तरफ से दावा किया गया कि उन्होंने शहर के आधा दर्जन स्थानों पर नमाज का विरोध किया। मुस्लिम समुदाय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
विवादित है जमीनः
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने जमीन पर विवाद होने का हवाला दिया है। इस जमीन को हुडा ने 2006-07 में अधिग्रहित किया था। सरस्वती कुंज सोसाइटी द्वारा इस जमीन पर अधिकार जताया गया है। कई साल से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसमें यथास्थिति रखने के निर्देश हैं। पुलिस ने हिंदू संगठनों को काबू में रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती रखी ताकि कोई अनहोनी न हो। पुलिस-प्रशासन दोपहर से सतर्क रहा। इस दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे।
वक्फ बोर्ड तय करेगा जमीनः डीसी
शहर में सरकारी जमीन पर नमाज पढ़ने को लेकर उपजे विवाद पर शुक्रवार को गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि इसका स्थायी हल खोजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा वक्फ बोर्ड से बात हुई है। बोर्ड अपनी जमीनों की पहचान कर रहा है। वहां पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाएगी।
किसी को दखलंदाजी का हक नहीं
उपायुक्त ने साफ किया कि किसी भी समुदाय की प्रार्थना में किसी को दखलंदाजी करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। उन्होंने कहा भविष्य में ऐसे विवाद सामने न आएं इसके लिए गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी), हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और हरियाणा राज्य औद्यौगिक संरचना और आधारभूत विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी जमीन को सुरक्षित कर लें। सरकारी जमीन पर किसी को धार्मिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इन जगहों पर भी विरोधः
शुक्रवार दोपहर सेक्टर-39 साइबर पार्क में सरकारी जमीन पर नमाज पढ़ रहे लोगों को यहां पर भी हिन्दू दल के लोग पहुंचे। उनको वहां से हटाया गया। सूचना पर पुलिस मौके पर माहौल को शांत करवाया गया। एमजी रोड स्थित सहारा मॉल सर्विस रोड का रास्ता रोक कर नमाज पढ़ रहे लोगों को रोका गया। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। माहौल को शांत करवाया गया। अतुल कटारिया चैक पर भी हिन्दू दल के लोग विरोध करने पहुंचे। आईएमटी मानेसर चैक पर भी नमाज पढ़ रहे लोगों का यहां पर भी विरोध का सामना करना पड़ा। उनको बिना अनुमति के नमाज पढ़ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों वहां से हटाया गया।
नंबर गेम
110 जगहों पर नमाज पढ़ते है मुस्लिम समुदाय के लोग
गुरुग्राम में छह लाख से ज्यादा मुस्लिम समुदाय की आबादी
अब तक क्या हुआ?
20 अप्रैल सेक्टर-43 मैदान में नमाज पढ़ रहे लोगों को हटाया गया।
24 अप्रैल को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पुलिस को शिकायत दी गई।
25 अप्रैल को सेक्टर-53 थाने में पुलिस ने मामला दर्ज किया।
26 अप्रैल को पुलिस ने छह युवकों को गिरफ्तार किया गया।
27 अप्रैल को सेक्टर-43 मैदान में पुलिस के साए में नमाज पढ़ी गई।
29 अप्रैल को गिरफ्तार छह युवकों को कोर्ट से जमानत मिली गई।
30 अप्रैल को संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति ने प्रदर्शन कर एडीसी को ज्ञापन सौंपा और बिना अनुमति सार्वजनिक स्थानों पर नमाज न पढ़ने के लिए कहा गया।
04 मई को शहर के पांच स्थानों पर हिन्दू संघर्ष समिति द्वारा नमाज नहीं पढ़ने दी गई।
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