Thursday 12 April 2018

पंजाब सरकार ने SC में कहा- रोड रेज मामले में शामिल थे सिद्धू, मिलनी चाहिए सजा

नवजोत सिंह सिद्धू


1988 के गैर इरादतन हत्या मामले में पूर्व क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को रोड रेज केस को लेकर हुई सुनवाई में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि सिद्धू मामले में शामिल थे, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. साथ ही याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दी गई तीन साल की सजा भी बरकरार रहने देना चाहिए.

पंजाब सरकार के वकील ने दो अभियुक्तों की सजा का बचाव करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिद्धू द्वारा कोर्ट में दिया गया बयान गलत है जिसमें उन्होंने खुद का बचाव किया था.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि आरोपी नंबर दो रुपिंदर संधू पर कैसे आरोप लगाए गए, जबकि एफआईआर में उसका नाम तक शामिल नहीं था. साथ ही कोर्ट ने पूछा कि सीआरपीसी एस 313 के तहत सिद्धू के बयान पर विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता.

सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि 1988 के इस रोड रेज मामले में हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को दोषी ठहराया है, इसलिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.

पूर्व क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि सिद्धू के खिलाफ लापरवाही से हुई मौत का नहीं बल्कि हत्या का मामला बनता है. क्योंकि सिद्धू को ये पता था कि वो क्या कर रहे हैं. उन्होंने जो किया समझबूझ कर किया, इसलिए उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए.

शिकायतकर्ता ने कहा कि कहा कि अगर ये रोड रेज का मामला होता तो हिट करते और मौके से भाग जाते. लेकिन यहां पर सिद्धू ने पहले उन्हें गाड़ी से निकाला और जोर का मुक्का मारा. वो थप्पड़ मार सकते थे या फिर पैरों पर मार सकते थे. लेकिन यहां उन्होंने जानबूझकर कर सिर पर मुक्का मारा और कार की चाभी भी निकाल ली. शिकायतकर्ता ने ये भी कहा कि कोर्ट ने अपने एक फैसले में 35 साल बाद सामने आए सबूत को रिकॉर्ड पर लेने का आदेश दिया था. इस मामले में भी ऐसा किया जा सकता है क्योंकि शिकायतकर्ता को एक निजी चैनल पर सिद्धू के इंटरव्यू की सीडी अभी मिली है.

हालांकि, मंगलवार को सिद्धू की तरफ से शिकायतकर्ता की उस याचिका का विरोध किया गया जिसमें शिकायतकर्ता ने 1988 रोड रेज मामले में एक नई याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि साल 2010 में एक निजी चैनल पर दिए अपने इंटरव्यू में सिद्धू ने ये माना था कि वो इस अपराध के लिए दोषी हैं.

सिद्धू की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट अभी अपील पर सुनवाई कर रहा है. लिहाजा इसे रिकॉर्ड पर नहीं रखा जा सकता है, ऐसे में अगर ये याचिका दाखिल ही करना चाहते हैं तो निचली अदालत या हाईकोर्ट में दाखिल करें. पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था और कोर्ट ने उनके दोषी ठहराए जाने पर भी रोक लगा दी थी.

सिद्धू को देना पड़ सकता है इस्तीफा

पंजाब सरकार के वकील द्वारा सिद्धू पर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखने की मांग के बाद अकाली दल ने सीधे तौर पर उनसे इस्तीफा मांगा है. अकाली दल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को इस्तीफा देना ही पड़ेगा. अगली सुनवाई में अगर सुप्रीम कोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है और 3 साल की सजा जारी रहती है तो ऐसी सूरत में सिद्धू को मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है.

क्या है मामला

दरअसल, हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने उन्हें 2006 में 1988 के एक हत्या के मामले में सजा सुनाई. 1988 में उनका गुरुनाम सिंह नाम के एक शख्स से झगड़ा हुआ था. मारपीट के बाद इस शख्स की मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. वो कई दिन जेल में रहे थे. 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को राहत देते हुए हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी.

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.