Friday 20 April 2018

देवास नोट प्रेस में लंच के समय व अवकाश के दिन भी होगी नोटों की छपाई


देवास। बैंक नोट प्रेस में ज्यादा से ज्यादा नोट छप सके इसके लिए अब कर्मचारी लंच के समय भी काम करेेंगे। इसके लिए गुरुवार को स्टेयरिंग लंच व्यवस्था लागू की गई। इसे लेकर बीएनपी प्रबंधन व मजदूर संघ के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें लंच में काम करने के दौरान मिलने वाली राशि बढ़ाने पर सहमति बनी और कमेटी गठित करने का निर्णय हुआ। उधर अवकाश के दिनों में भी कर्मचारी काम करेंगे।

नोटों की कमी को देखते हुए बीएनपी को 500 के नोट छापने के निर्देश मिले हैं। इस पर बीएनपी में तीन शिफ्टों में काम शुरू कर 500 के नोट छापना शुरू किया गया। 13 अप्रैल को आदेश आने के बाद स्टेयरिंग लंच व्यवस्था लागू करने के लिए बीएनपी मजदूर संघ ने लंच अवधि में कार्य के बदले वर्तमान में मिल रही राशि 250 रुपए से 500 रुपए करने की मांग की थी।

गुरुवार को इसे लेकर बीएनपी मजदूर संघ की प्रबंधन के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस संबंध में दिल्ली मुख्यालय से एक कमेटी बनाई जाएगी। उधर अवकाश के दिन काम करने पर भी सहमति बनी। इसके बाद तत्काल प्रभाव से स्टेयरिंग लंच व्यवस्था शुरू कर दी गई।

बैठक में प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक टीआर गौड़ा, अपर महाप्रबंधक आरसी मोटवानी, उप महाप्रबंधक एस. महापात्र, एचआर मैनेजर विनोद महरिया व संघ की ओर से रमेशसिंह तंवर, एलएन मारू, पीके वर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

ये है स्टेयरिंग लंच व्यवस्था

स्टेयरिंग लंच व्यवस्था के दौरान पूरे समय मशीनें चालू रखी जाती हैं और नोट छपाई होती है। लंच के समय कर्मचारी आपसी सामंजस्य से अलग-अलग समय पर लंच करने जाते हैं। नोटबंदी के समय भी यह व्यवस्था लागू की गई थी।

500 के नोट की छपाई पर ज्यादा जोर

आदेश आने के बाद तत्काल प्रभाव से 500 रुपए के नोटों की छपाई शुरू कर दी गई है। 10 रुपए का नोट पहले से छप रहा है। छपकर तैयार पड़े 500 रुपए के नोटों को भी आरबीआई को भेजा जा रहा है। प्रयास किए जा रहे हैं कि एक दिन में 15 मिलियन तक नोटों की छपाई हो सके।

सेवानिवृत्त कर्मचारी के मामले में फंसा पेंच

इधर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मामले में पेंच फंस गया है। हालांकि 40-45 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को काम करने के लिए बुलाया गया है। मजदूर संघ का कहना है कि जो भी सेवानिवृत्त कर्मचारी काम पर आएं वो वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों का जूनियर बनकर काम करें।

सूत्रों की माने तो इसके लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों से एफिडेविट भी लिए जा रहे हैं कि जो भी काम मिलेगा, उसे वे करने को तैयार रहेेंगे। इस कारण फिलहाल ज्यादा संख्या में सेवानिवृत्त कर्मी नहीं आ रहे हैं।

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