इंदौर। पुलिस ने विजय नगर थाने के सामने भीड़भरे इलाके में मॉडल से छेड़छाड़ के मामले में दो आरोपियाें को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने इस मामले में परदेसीपुरा क्षेत्र के लक्की और बंटी नामक युवक को गिरफ्तार किया है। हालांकि इन युवकों का कहना है कि वे तेज रफ्तार से युवती के बगल से गुजरे थे। इसी दौरान युवती गिर गई। उन्होंने कहा कि उन्होंने युवती के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की। पुलिस फिलहाल इन युवकों से पूछताछ कर रही है। दोनों युवक कपड़े की दुकान पर काम करते हैं। पुलिस को फिलहाल इन युवकों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि इस मॉडल को सोमवार शाम को शिकायत के बाद लगभग पांच घंटे कार्रवाई से गुजरना पड़ा। केस दर्ज होने के बाद लिखित और वीडियो के जरिए बयान लिए गए। लोकेशन की पहचानए मेडिकल और अन्य पूछताछ रात करीब 11 बजे तक चली। ट्विटर को सीएम तक वायरल करने और केस दर्ज करवाने में आरटीआई कार्यकर्ता डॉण् आनंद राय ने उनकी मदद की। इसके बाद उन्होंने श्नईदुनियाश् से घटनाक्रम के बारे में खुलकर चर्चा की।
पीड़िता ने बताया पुलिस की कार्रवाई में बहुत समय लगा लेकिन मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। यह उनकी प्रक्रिया है और मैं पूरा सहयोग करूंगी। उन्होंने जितनी बार मेरे बयान लिएए मैंने वही कहा जो इंस्टाग्राम और ट्विटर पर साझा किया था। मुझे लोकेशन पर ले जाया गया। मैं हर बात का जवाब देने को तैयार हूं। मुझे इस बात का दुख है कि चार दिन पहले जिस शहर में महिला सुरक्षा के नाम पर कैंडल मार्च निकाला गयाए वहां इतनी भीड़ वाले इलाके में मेरी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। मुझे अफसोस है कि मैं उनकी ;आरोपितोंद्ध गाड़ी का नंबर तक नोट नहीं कर पाईए लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगी। मैं इसलिए बोल रही हूं ताकि डरकर चुप हो जाने वाली लड़कियां आगे आएं और बोलें। बोलना जरूरी हैण्ण्ण् विरोध दर्ज कराना इससे भी ज्यादा जरूरी है।
मदद के लिए नहीं आएए लेकिन ट्रोल करने बहुत सारे आगे आए
पीड़ित मॉडल का कहना था मुझे इस बात का बेहद दुख है कि जिस वक्त मेरे साथ घटना हुईए उस वक्त भीड़ होने के बावजूद कोई मेरी मदद के लिए आगे नहीं आया। उल्टा सोमवार को जब मेरा ट्वीट वायरल हो गया तो लोगों ने ट्रोल ;नकारात्मक कमेंटद्ध करना शुरू कर दिया। इतने कमेंट्स आए कि मुझे ट्वीट हटाना पड़ा। किसी ने मेरे रहन.सहन पर कमेंट किया तो किसी ने मेरे काम पर अंगुली उठाई।
डीआईजी का ट्वीट नहीं देख पाई
पीड़िता के मुताबिक डीआईजी द्वारा ट्वीट कर मदद करने के आश्वासन के बाद भी शाम तक पुलिस में शिकायत नहीं करने को लेकर भी मुझ पर तरह.तरह के सवाल उठाए गए। जबकि मेरे अकाउंट पर इतने नोटिफिकेशन आ गए थे कि मैं यह ट्वीट देख ही नहीं पाई थी। लगातार फोन आने की वजह से मैंने परेशान होकर फोन बंद कर दिया था। जब पता चला तो मैंने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।
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