Tuesday 24 April 2018

आसाराम बापू पर बुधवार को आएगा फैसला, सुरक्षा के लिए पड़ोसी राज्यों से मांगी जा सकती है मदद

आसाराम बापू (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • नाबालिग के रेप के मामले में आसाराम पर कल आएगा फैसला।
  • फैसले आने से पहले राजस्थान और दिल्ली में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।
  • जोधपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है। जेल परिसर में सुनाया जाएगा फैसला।
  • आसाराम समर्थकों ने शुरू किया पूजा-पाठ।

जोधपुर/नई दिल्ली 
नाबालिग लड़की के बलात्कार के एक मामले में बुधवार को जोधपुर की एक अदालत आसाराम बापू पर फैसला सुनाएगी। इस फैसले के आने से पहले ही दिल्ली से लेकर जोधपुर तक सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस को शक है कि राम-रहीम पर आए फैसले के बाद जिस तरह उनके समर्थकों ने दिल्ली समेत कई जगहों पर उपद्रव किया था, कुछ वैसा ही इसबार भी करने की कोशिश हो सकती है। आशंका है कि यदि आसाराम दोषी ठहराए जाते हैं तो उनके समर्थक हंगामा कर सकते हैं।

बरी हुए तो भी नहीं हो पाएंगे रिहा 
हालांकि अगर आसाराम इस मामले में अदालत से बरी भी हो जाते हैं तो भी वह जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे क्योंकि उनके खिलाफ गुजरात में भी एक बलात्कार का मामला चल रहा है। जोधपुर के पुलिस आयुक्त अशोक राठौर ने बताया कि फैसले के दिन बड़ी संख्या में समर्थकों के जोधपुर पहुंचने की आशंका को देखते हुए जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है। 

राठौर ने कहा, ‘हमें खुशी है कि अदालत ने जेल परिसर के अंदर फैसला सुनाए जाने के हमारे आग्रह को स्वीकार किया। राजस्थान पुलिस आसाराम के समर्थकों के फैसले से पहले या फैसले के दिन राजस्थान के शहर जोधपुर पहुंचने की योजना की सूचना के बाद से पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग मांग रही है।' उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया जाएगा। 

दिल्ली से राजस्थान तक अलर्ट
 
दिल्ली समेत राजस्थान तक में फैसले के बाद कोई अव्यवस्था नहीं फैले इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों ने पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। दिल्ली पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है वहीं, जोधपुर में भी धारा 144 लगा दी गई है। कहीं भी भीड़ के जमा होते ही ऐक्शन लिया जाएगा। दिल्ली पुलिस के अधिकारी यूपी और हरियाणा पुलिस से भी संपर्क बनाए हुए हैं। पुलिस लोकल इंटेलिजेंस के जरिए आसाराम के आश्रमों और उनके समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखने का दावा कर रही है। 

आश्रमों में समर्थकों का पाठ और कीर्तन शुरू हुआ 
बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में आसाराम के आश्रमों में उनके समर्थक बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं, जिनमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। समर्थकों का कहना है कि अदालत से उनके बापू को इंसाफ मिलेगा। इसलिए वे प्रार्थना करने के लिए जमा हुए हैं। आश्रमों में कीर्तन और पूजा की जा रही है। 

2013 में हुई थी आसाराम की गिरफ्तारी 
बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम बापू पर जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए गए थे। जिस समय पीड़िता आश्रम में रह रही थी, वह 16 साल की थी। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। उन पर पॉक्सो और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कानून की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। 

पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ी 
आसाराम के समर्थकों व पुलिस के बीच कई बार झड़पें हुईं हैं। आसाराम अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल कारावास की सजा भुगतनी पड़ सकती है। वहीं, यूपी में भी पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। उसके घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि पीड़िता के परिजनों की लगातार निगरानी की जा रही है। अधिकारी परिवार वालों के संपर्क में हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और उन्हें इस बात का यकीन है कि न्याय जरूर मिलेगा। इस महीने की शुरुआत में जोधपुर की विशेष अदालत में न्यायमूर्ति मधुसूदन शर्मा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस सुनी और आदेश 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित कर दिया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था कार्यवाही में देरी पर सवाल 
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 अगस्त को रेप के इस मामले में अदालती कार्यवाही में विलंब पर सवाल भी उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि कार्यवाही में अनावश्यक रूप से विलंब हुआ और अभियोजन पक्ष के गवाहों पर हमले किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से दो गवाहों की मौत भी हुई है। 

गुजरात में भी दर्ज है आसाराम पर बलात्कार का केस 
आसाराम बापू पर गुजरात में भी बलात्कार का एक मामला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात के मामलों में आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराके बलात्कार और बंधक बनाने का आरोप लगाया था।

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