शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

नाराज अरुण यादव ने किया चुनावी राजनीति से सन्यास का ऐलान

भोपाल। अचानक प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटा दिए गए अरुण यादव ने चुनावी राजनीति से सन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब मैं कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा, मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा और न ही लोकसभा चुनाव। केवल संगठन के लिए काम करुंगा। वो भोपाल में बतौर निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष आखरी बार प्रेस को संबोधित कर रहे थे। यादव ने कहा कि उनकी भूमिका एक कार्यकर्ता के रूप है और आगे भी रहेगी। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये निर्णय लिया है। वह मुझे पूरी तरह से मान्य हैं। 

राहुल गांधी ही तय करेंगी मेरी क्या भूमिका होगी
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव की बातचीत में पार्टी के निर्णय पर थोड़ी तल्खी दिखी जरूर, लेकिन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे जाहिर नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी से मिलेंगे और वह ही तय करेंगे कि आगे उनकी प्रदेश में क्या भूमिका रहेगी। बता दें कि प्रदेश में अध्यक्ष पद के बदले जाने की अटकलों के बीच अरुण यादव को बुधवार को दिल्ली बुला लिया गया था।

यादव ने बदला बयानः कहा बदलाव जरूरी था 
उन्होंने कहा, वह पार्टी के फैसले से सहमत हैं। प्रदेश में बदलाव पर बोले, इसकी आवश्यकता थी, इसलिए बदलाव किया गया। कमलनाथ प्रदेश और देश में हमारे वरिष्ठ नेता हैं। हम उनकी अगुवाई में काम करेंगे। उनके अनुभव पर भरोसा है, इसलिए उन्हें लाया गया है। इससे पहले मंगलवार को अरुण यादव ने कहा था कि सारी खबरें निराधार हैं, दिल्ली में इस तरह की कोई चर्चा नहीं है। 

दोपहर 12 बजे पता चला मुझे
जब मीडिया ने ये पूछा कि आपको प्रदेश अध्यक्ष के बदले जाने की जानकारी थी तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि मुझे दोपहर 12 बजे पता चला है कि प्रदेश में कांग्रेस के नए अध्यक्ष की घोषणा हो गई है। इससे कुछ सवाल भी उठते हैं कि आखिर पार्टी को इतनी हड़बड़ी में क्यों निर्णय लेना पड़ा। साथ ही क्या प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अध्यक्ष बदले जाने से पहले पार्टी ने अरुण यादव से पूछने की भी जरूरत नहीं थी।

दिग्विजय सिंह का मिलता रहेगा मार्गदर्शन
दिग्विजय सिंह को लेकर कहा, वह प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं, उनका मार्गदर्शन मिलता रहेगा। साथ ही प्रदेश में दूसरे वरिष्ठ नेताओं की भी अलग-अलग भूमिकाएं होंगी। सबका एक ही लक्ष्य है, प्रदेश में कांग्रेस को जीत दिलाना और भाजपा सरकार को बाहर करना। पार्टी में सबको मौका मिलेगा। भाजपा को घेरने का काम खत्म नहीं होगा। हम एकजुट होकर काम करेंगे और भाजपा सरकार को बाहर कर देंगे।

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