भोपाल। आसाराम बलात्कारी प्रमाणित हो चुका है। जोधपुर कोर्ट ने उसे मरते दम तक जेल में रखने की सजा सुनाई है। इसी के साथ आसाराम के भाजपा नेताओं से संबंध के चर्चे भी शुरू हुए। कांग्रेसी नेताओं ने आसाराम को भाजपा समर्थित संत कहा लेकिन क्या आपको पता है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में संत आसाराम को आश्रम बनाने के लिए जो सरकारी जमीन कोड़ियों के दाम दी गई, वो दिग्विजय सिंह के आदेश पर दी गई थी।
दिग्विजय सिंह उस समय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। आश्रम के संचालक महावीर भाई का कहना है कि आश्रम की स्थापना 1984 में हुई है। आसाराम ट्रस्ट ने 10 एकड़ भूमि वर्ष 1984 में दिगम्बर राजदेव से क्रय की और एक एकड़ 50 डेसीमल जमीन वर्ष 2000 में राधा भंडारी पति कृष्ण कुमार से क्रय की, 4 एकड़ 4 डेसीमल जमीन मध्यप्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक रुपए भू-भाटक दर दी थी। इसकी समय सीमा 2035 तक है।
बताया गया है कि गांधी नगर स्थित आसाराम आश्रम की बाउंड्री बाल एयर पोर्ट अथॉरिटी की जमीन पर बनाई गई है। यही नहीं, आश्रम ने करीब 11 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है। यह खुलासा प्रशासन की ओर से की गई जांच में हुआ है। उक्त जमीन की कीमत बाजार भाव से करीब 40 करोड़ रुपए से अधिक है। तहसीलदार कोर्ट से जारी हुए दो अलग-अलग आदेशों में ये माना गया है कि आश्रम में अन्य लोगों की जमीन भी फंसी हुई है। उक्त जमीन के बटान के आदेश भी जारी हुए, लेकिन अब तक भू-स्वामियों को इसका कब्जा देने की कार्यवाही नहीं हुई है। जमीन मालिकों का कहना है कि उन्होंने कब्जा वापस दिलाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अफसर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
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