Friday 27 April 2018

BHOPAL: पिता का इलाज नहीं करा पाई कविता फांसी पर झूली


भोपाल। एक बेटी कितनी जिम्मेदार हो सकती है। बेटियां अपने पिता के लिए कितनी संवेदनशील होतीं हैं। यह कहानी कुछ यही बयां करती है। इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुकी कविता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वो अपने पिता की असमय मृत्यु से दुखी थी। उसके पिता को ब्रेन हेमरेज हुआ था। कविता ने हर संभव कोशिश की कि वो पिता का इलाज करा सके, वो स्वस्थ हो जाएं परंतु ऐसा ना हो सका। 2 माह पूर्व उनकी मृत्यु हो गई। कविता इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानती थी। 

शारदा नगर, गौतम नगर निवासी 26 वर्षीय कविता गुप्ता पिता जेपी गुप्ता छह बहनों में पांचवें नंबर की थी। उसकी चार बहनों की शादी हो चुकी है। एलआईसी एजेंट रहे पिता की ब्रेन हेमरेज से दो महीने पहले मौत हो गई थी। बुधवार रात डेढ़ बजे कविता ने फांसी लगा ली। विवेचना अधिकारी कर्मवीर सिंह के अनुसार मृतका के पास एक सुसाइड नोट मिला है। 

उसने लिखा है- पापा, मैं आपको बहुत प्यार करती हूं। आपके लिए मैं कुछ नहीं कर पाई और आपकी जान नहीं बचा पाई। मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न करें। घटना की सूचना कविता के जीजा ने पुलिस को दी थी।

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