Monday 9 April 2018

किसी आधार पर 5 बाबाओं को दिया गया राज्यमंत्री का दर्जा, 3 हफ्ते में जवाब पेश करे सरकार - हाईकोर्ट

सरकार के इस फैसले पर जनहित याचिका दायर की गई है, याचिका में सरकार का यह फैसला आमजन पर बोझ़ बढ़ाने वाला बताया गया है।

इंदौर।5 बाबाओं को किसी अाधार के जरिए राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। यह सवाल इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है। हाई कोर्ट ने सरकार से तीन हफ्ते में मामले में जवाब देने को कहा है। बता दें कि मप्र सरकार ने हाल ही में नर्मदानंद, हरिहरानंद, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इन सभी संतों को सरकार ने विशेष समिति का सदस्य बनाया है।
किस आधार पर दायर की गई थी जनहित याचिका
- सरकार द्वारा बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने के फैसले के बाद रामबहादुर वर्मा ने एडवोकेट गौतम गुप्ता के जरिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि मंत्री परिषद गठित होने के बाद भी पांच बाबाओं को मप्र सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। सरकार के इस फैसले से जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
- याचिकाकर्ता ने उल्लेख किया था कि मप्र की जनता पहले से ही 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है। ऐसे में सरकार द्वारा 5 बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देकर जनता पर और बोझ बढ़ा रही है। इस संताें को सरकार भत्ते व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी, जिसका बोझ आमजन पर आएगा।
- सरकार ने यह भी नहीं बताया कि किस आधार पर इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया। याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि सरकार ने जिन्हें राज्यमंत्री बनाया कुछ दिन पहले वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले थे।
कोर्ट ने पूछा किस आधार पर बनाया राज्यमंत्री
- सोमवार को हाईकोर्ट खंडपीठ के न्यायमूर्ति पीके जायसवाल, न्यायमूर्ति सुशील कुमार अवस्थी ने याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार को इस मामले में तीन हफ्तों में जवाब तलब करने को कहा
संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देने का कहीं ये तो कारण नहीं...
- बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 3 अप्रैल को आदेश जारी कर बताया था कि मप्र सरकार ने 5 बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया है। इस बाबाओं को सरकार द्वारा गठित विशेष कमेटी का सदस्य बनाया गया था। ये कमेटी नर्मदा किनारे वृक्षारोपण, जल संरक्षण तथा स्वच्छता के लिए जन जागरूकता का अभियान चलाएगी। कमेटी में कंप्यूटर, नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, भैय्यूजी महाराज एवं पंडित योगेन्द्र महंत को सदस्य बनाया गया था।
- कुछ समय पहले मप्र सरकार ने नर्मदा परिक्रमा यात्रा निकालकर साढ़े छह करोड़ पौधे नर्मदा किनारे रोपने का दावा किया था। इस दावे के खिलाफ राज्यमंत्री बने संतों ने विरोध शुरू कर दिया था। कम्प्यूटर बाबा सहित राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त अन्य बाबाओं ने तो नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान भी कर दिया था। इस यात्रा में सभी संत समाज साथ खड़ा हो गया था। इसके बाद से ही सरकार बाबाओं को साधने में जुट गई थी। सरकार द्वारा बाबाओं को राज्यमंत्री बनाने को संत समाज गलत बता रहा है, वह इस फैसले का विरोध कर रहा है। वहीं राज्यमंत्री बने बाबाओं का कहना है कि सरकार ने उन्हें नर्मदा मैया की सेवा के लिए चुना है।
इन्हें मिला राज्यमंत्री का दर्जा
1) कम्प्यूटर बाबा
इंदौर के दिगंबर अखाड़े से संबंध रखने वाले 53 वर्षीय कंप्यूटर बाबा का असली नाम देव त्यागी है। इन बाबा का दावा है कि उनका दिमाग कम्प्यूटर जैसा तेज है। अपने साथ लैपटॉप रखने वाले कम्प्यूटर बाबा शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ नर्मदा घोटाला रथ यात्रानिकाल रहे थे।
 
राज्यमंत्री कम्प्यूटर बाबा।

2) भय्यू महाराज
भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देशमुख है। इन्हें देश के राजनीतिक रूप से ताकतवर संतों में गिना जाता है। भय्यू महाराज के पिता महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। अन्ना आंदोलन के समय भय्यू महाराज का नाम काफी चर्चा में रहा था। भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना को मनाने के लिए यूपीए सरकार के दूत के रूप में भय्यू महाराज ही अन्ना के पास गए थे।
राज्यमंत्री भय्यूजी महाराज।
3) नर्मदानंद महाराज
नर्मदानंद महाराज का संबंध नित्यानंद आश्रम से है। नर्मदा की सफाई के लिए नर्मदानंद महाराज लंबे समय से सक्रिय है। नर्मदा किनारे पौधारोपण अौर जल संरक्षण के साथ ही स्वच्छता पर किए गए इनक कमों के चलते इन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।
राज्यमंत्री नर्मदा नंद महाराज।

4) हरिहरनंद महाराज
हरिहरनंद महाराज भी लंबे समय से नर्मदा आंदोलन से जुड़े है। नदी के तट पर पौधारोपण के साथ ही नदी को शुद्ध करने के आंदोलन में यह सक्रिय रहे है। शिवराज सरकार ने इन्हें भी मंत्री बनाया है।
राज्यमंत्री हरिहरानंद महाराज।

5) पंडित योगेंद्र महंत

इंदौर के रहने वाले पंडित योगेन्द्र महंत का संबंध कांग्रेस पार्टी से है। इसके अलावा वे नर्मदा नदी के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे है। समाज सेवा के अनेक कार्य में सक्रिय रहने वाले पूर्व सरपंच योगेन्द्र महंत ने पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर की एक नंबर विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगा था। 
राज्यमंत्री पंडित योगेंद्र महंत

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