Wednesday 4 April 2018

‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का एलान करने वाले बाबाओं को मिला राज्यमंत्री का दर्जा, मिलेंगी कई सरकारी सुविधाएं

भय्यू महाराज, कंप्यूटर बाबा,नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी और पं. योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है।
राज्यमंत्री का दर्जा पाने वालों में इंदौर के गृहस्थ संत भय्यू जी महाराज का आश्रम इंदौर में है।

राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले स्वामी नर्मदानंद जी महाराज।

राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले कम्प्यूटर बाबा का दिमाग कम्प्यूटर की तरह तेज चलता है।

स्वामी हरिहरानंद जी महाराज।


मुख्यमंजी शिवराज सिंह चौहान के साथ स्वामी योगेंद्र महाराज।


भोपाल.पिछले साल 2 जुलाई को 6.67 करोड़ पौधे लगाने के दावे को महाघोटाला करार देकर ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने का एलान करने वाले पांच बाबाओं को सरकार ने राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा है। इन्हीं बाबाओं के नेतृत्व में 28 मार्च को संत समाज के साथ बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 45 जिलों में 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी। अब सरकार के राज्यमंत्री बनाते ही बाबाओं के सुर बदल गए हैं, उन्होंने कहा है कि अब हम घाटों पर जनजागरण करने जाएंगे।
किन पांच बाबाओं को मिला ये दर्जा?
- सरकार ने नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में पौधरोपण, जलसंरक्षण, विषयों पर जनजागरुकता का अभियान चलाने के लिए विशेष समिति गठित की है। समिति सदस्य नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है।
किन सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा?
- 7500 रुपए मासिक वेतन मिलेगा।
- गाड़ी और 1000 किमी का डीजल।
- 15000 रुपए मकान का किराया।
- 3000 रु. सत्कार भत्ता।
- स्टाफ मिलेगा, अपना पीए रख सकेंगे।
बाबाओं ने कब और क्या एलान किया था?
संत समाज की बैठक इंदौर के गोम्मटगिरि स्थित मां कालिका आश्रम में 28 मार्च को हुई थी। इसमें तय हुआ था कि 1 अप्रैल से 15 मई तक नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकाली जाए। इस रथयात्रा के नेतृत्व कंप्यूटर बाबा करेंगे, जबकि आयोजक पंडित योगेंद्र महंत होंगे। महंत ने यह एलान किया था कि नर्मदा घोटाले पर हुए महाघोटाले का खुलासा करने के लिए रथ यात्रा निकाली जाएगी। भोपाल सचिवालय में संत धरना देंगे।
सीएम हाउस में 31 मार्च को बैठक हुई थी
गठित की गई ये विशष कमेटी संत समाज के आंदोलन की चेतावनी के बाद बनाई गई है। इसके लिए साधु-संतों की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सीएम हाउस में 31 मार्च को बैठक हुई थी। इस दौरान कंप्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत समेत कई संत भोपाल पहुंचे थे। गौरतलब है कि स्वामी हरिहरानंदजी का आश्रम अमरकंटक में है, जबकि नर्मदानंदजी का डिंडोरी में है। समिति सदस्य भय्यू महाराज का आश्रम इंदौर में है।
अब घोटाले की बात का कोई सवाल नहीं उठता, हम जनजागरण करेंगे- कंप्यूटर बाबा
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि हमने अपनी बात रखी थी। अब काम साधु-संतों को सौप दिया है। हम माॅनिटरिंग करेंगे। अब घोटाले की बात का कोई सवाल ही नहीं उठता। हम जनजागरण करेंगे। सुरक्षा करेंगे। हरियाली बनी रहे, उसका ध्यान रख काम करेंगे। हमें राज्यमंत्री इसलिए बनाया ताकि हमें वहां रुकना पड़ेगा। व्यवस्था देना पड़ेगी। हमें काम दिया तो करेंगे।
सरकार ने जिम्मेदारी दी, अब सुझाव देंगे जिससे नर्मदा का बहाव बढ़े- योगेंद्र महंत
योगेंद्र महंत के मुताबिक, हमारी मांग पर सरकार विचार करेगी। सुधार की गुंजाइश है। सरकार ने कमेटी बनाकर हमें जिम्मेदारी दे दी है। अब हम स्वच्छता, पौधरोपण, संरंक्षण करेंगे। सुझाव देंगे, जिससे नर्मदा का बहाव बढ़े। हम घोटाले की बात नहीं करेंगे। जनजागृति करेंगे। जनजागरण की शपथ जनता को संतों के साथ दिलवाएंगे।

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