Saturday 21 April 2018

1 साल से कोरी पड़ी है आवास गारंटी कानून, नियम ही नहीं बनाए


भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चैहान जब घोषणाएं करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कल सुबह से ही क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा परंतु उनकी घोषणाएं नौकरशाही के जाल में उलझ जातीं हैं और मुख्यमंत्री का कार्यालय भी फॉलोअप नहीं लेता। मुख्यमंत्री आवास गारंटी कानून के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। सीएम ने ऐलान किया ‘किसी को बिना छत के नहीं रहने दूंगा‘ सरकार ने कानून भी बना दिया लेकिन इस कानून की किताब का केवल कवर ही छपकर रह गया। पूरी किताब 1 साल से कोरी है। इसके लिए नियम ही नहीं बनाए गए।

 2017 के बजट में पास हो गया था कानून 
मुख्यमंत्री आवास गारंटी कानून 2017 के बजट सत्र में विधानसभा से पारित हो गया था। इसके तहत लोगों को किफायती दर पर आवास या निशुल्क आवासीय भूखंड देने की गारंटी सरकार ने दी थी। इसके बाद अप्रैल 2017 में अनियम का राजपत्र में नोटिफिकेशन भी हो गया। इस कानून के क्रियान्वयन के लिए नगरीय विकास विभाग को नियम बनाना था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जब इस बारे में विभाग के अपर आयुक्त विकास मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने नियम बनाए जाने को लेकर कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया।

जुलाई से पहले लाभ मिलना मुश्किल
मुख्यमंत्री आवास गारंटी कानून के तहत प्रदेश के लोगों को जुलाई के पहले लाभ मिलना मुश्किल है, क्योंकि नगरीय विकास विभाग द्वारा बनाए जाने वाले नियम विधानसभा में भी रखे जाने हैं। अब विधानसभा का अगला सत्र जुलाई में होना है। नियमों को लेकर फिलहाल विभाग में भी असमंजस की स्थिति है।

रजिस्ट्री सहित पात्रों के चयन को लेकर बनना है नियम
आवास गारंटी कानून के तहत लाभ लेने वाले लोगों के घर और प्लॉट की रजिस्ट्री सहित पात्रों के चयन को लेकर नियम बनाए जाने हैं। सूत्रों के मुताबिक नियमों में रजिस्ट्री घर की प्रमुख महिला के नाम पर कराने का प्रावधान किया जा सकता है।

क्या है कानून में प्रावधान
कानून आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के लोगों को आवास या आवासीय भूमि उपलब्ध करवाने की गारंटी प्रदान करता है। कानून के तहत न्यूनतम 25 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का आवास और नगर पालिक निगम क्षेत्र में न्यूनतम 45 वर्ग मीटर व अन्य नगरीयध्ग्रामीण क्षेत्र के लिए 60 वर्ग मीटर आवासीय भूखंड दिया जाएगा।

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