देवास। देवास की हाटपिपलिया विधानसभा सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इस सीट से अपने-अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। भाजपा ने जहां पार्टी के वर्तमान विधायक और सिंधिया समर्थक मनोज चौधरी को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने मनोज चौधरी के सामने पिछला उपचुनाव हार चुके राजवीर सिंह बघेल को फिर से प्रत्याशी बनाया है।
मनोज चौधरी VS राजवीर सिंह बघेल
भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी ने साल 2018 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और करीब 14000 वोट से भाजपा सरकार के मंत्री दीपक जोशी को हराया था। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर जाने के बाद साल 2020 में हुए उपचुनाव में हाटपिपलिया से भाजपा ने मनोज चौधरी को मौका दिया। इस उपचुनाव में मनोज चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी राजवीर सिंह बघेल को करीब 13000 से ज्यादा वोटों से हराया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं।
2018 में पलट दी थी बाजी
ज्योतियादित्य सिंधिया के करीबी मनोज चौधरी हाटपिपलिया के मौजूदा विधायक हैं। 2018 में पहली बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़कर मनोज चौधरी ने बीजेपी के पूर्व मंत्री दीपक जोशी को हराया था। 2020 के उपचुनाव में भाजपा की ओर से चुनाव लड़े थे और कांग्रेस के राजवीर सिंह बघेल को हराया था। पिता नारायण सिंह चौधरी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि इस बार क्षेत्र में मनोज चौधरी का जमकर विरोध है। लैंड पूलिंग योजना के तहत भी विधायक मनोज चौधरी का विरोध हुआ था। विरोध के कई ऑडियो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर आते रहते हैं।
राजवीर की राजनीतिक पृष्ठ भूमि मजबूत
हाटपिपल्या सीट से राजवीर के पिता ठा. राजेंद्रसिंह बघेल सात बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं तीन बार विधायक रहे। साल 1984, 93 और 2003 में कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं। यहां तक की दो बार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। पिता की क्षेत्र में बड़ी छवि का लाभ भी राजवीर को मिला और पार्टी ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा है। 1994 से राजनीति में सक्रिय है। ब्लॉक युवक कांग्रेस के अध्यक्ष व मप्र युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। राजवीर सिंह बघेल के भाई रघुवीर सिंह बघेल वर्तमान में जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं।परिवार का पूरे विधानसभा क्षेत्र में काफी अच्छा प्रभाव है।
पिछला चुनाव हार चुके हैं राजवीर
राजवीर सिंह बघेल 2020 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस से भाजपा में गए मनोज चौधरी के सामने चुनाव हार गए थे। लेकिन इस बार फिर से पार्टी ने भाजपा के मनोज चौधरी के सामने राजवीर सिंह बघेल को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस से टिकट को लेकर थी खींचतान
हाटपीपल्या में कांग्रेस से टिकट को लेकर काफी खींचतान थी, पर यहां से राजवीर सिंह बघेल का नाम लगभग बहुत पहले से ही तय माना जा रहा था। लेकिन यहां से विश्वजित सिंह चौहान भी टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिए जाने से वे नाराज चल रहे है। इसी वजह से चुनाव में पहले ही कांग्रेस में अंतर्कलह हो गई। ऐसे में कांग्रेस यहां नुकसान उठा सकती है।
भाजपा को पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कारण हो सकता है नुकसान
भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और हाटपिपलिया से पूर्व विधायक दीपक जोशी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गए है। हाटपिपलिया में उनकी काफी पकड़ है, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है।
मतदाताओं की संख्या
कुल मतदाता - 2 लाख 7 हजार से ज्यादा
पुरुष मतदाता - 1 लाख 5 हजार
महिला मतदाता - 1 लाख 2 हजार
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