Thursday 13 July 2023

Dewas - SDM प्रदीप सोनी (सीईओ देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि.), सी.ओ.ओ. सहित विश्वास ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रा. लि. के दो लोगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज | Kosar Express

 


देवास। पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन संभाग अनिल विश्वकर्मा को दिनांक 10.01.2023 को शिकायत प्राप्त हुई थी कि नगर निगम देवास के माध्यम से यात्री बसों के टेण्डर अमृत योजना के अंतर्गत निकाले गये थे तथा इसमें शासन की ओर से 40 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान था । नगर निगम देवास द्वारा विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रा.लि. के यात्री बसों का टेण्डर स्वीकृत कर टेण्डर के निर्धारित मार्गों पर संचालन हेतु अनुमति दी गई थी परंतु विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रा. लि. द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर टेण्डर में स्वीकृत मार्ग से भिन्न मार्गो पर यात्री बसों का संचालन किया जाने लगा तथा कुछ बसों का विक्रय भी कर दिया गया। उक्त शिकायत जांच एवं सत्यापन हेतु उपपुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान को सौंपी गई।

देवास SDM प्रदीप सोनी


जांच के सत्यापन में पाया गया कि देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. द्वारा आर.एफ.पी. के अनुसार टेण्डर जारी किये गये थे। इस टेण्डर में क्लस्टर 2, 3 एवं 4 पर बसों के संचालन हेतु निविदाएं मांगी गई थी । उक्त तीनों क्लस्टर की निविदाएं विश्वास ट्रांसपोर्ट को प्राप्त हुई तथा कुल 39 बसों का संचालन 7 वर्ष हेतु इसके अंतर्गत किया जाना था। विश्वास ट्रांसपोर्ट को इसके लिये बसें कय करने पर कुल लागत की 34.2 प्रतिशत से 39.78 प्रतिशत तक वी.जी.एफ (सब्सिडी) प्राप्त हुई। विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में 3 बसें विक्रय कर दी गई परंतु उनके स्थान पर 1 वर्ष से भी अधिक समय बीतने पर भी अन्य तीन बसें कय कर नहीं लगाई गई। अनेक बसों का मार्ग परिवर्तन सी.ई.ओ. एवं सी.ओ. ओ. से अनुमति लेकर बदल दिया गया जबकि वे अनुमति देने हेतु सक्षम नहीं थे। उल्लेखनीय है कि इस टेण्डर के बदले देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. को वार्षिक प्रीमियम शून्य रूपये प्राप्त हो रही है। बसों हेतु मासिक पास भी जारी नहीं किये गये। बसों पर विज्ञापन का टेण्डर भी जारी नहीं किया गया जिससे नगर निगम की कंपनी को आय हो सकती थी। स्पेअर बस को पिकनीक / टूर आदि का परमिट लेकर चलाया गया जो अनुमत्य नहीं था । क्लस्टरों की अधिकांश बसों के रूट में परिवर्तन की अनुमति दे दी गई जिससे वे व्यस्त रूटों पर बसों का संचालन करने लगे। कुछ बसों पर अनुमति के बिना दूसरे ऑपरेटर का नाम लेख करा दिया गया तथा शासन की योजना से संबंधित चिन्ह भी हटा दिये गये जो अनुमत्य नहीं थे।


इस प्रकार 3 बसों के विक्रय पर उन पर दी गई सब्सिडी 23,86,800 /- रूपये का दुरूपयोग विगत 1 वर्ष से किया जा रहा है। ऑपरेटर द्वारा बताया गया कि बैंक में सिबिल खराब होने से उसे लोन प्राप्त नहीं हो रहा है जिससे वह बसें कय नहीं कर पा रहा है। इस प्रकार उपरोक्त प्रकरण में देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. के सी.ई.ओ. प्रदीप सोनी, सी.ओ. ओ. सूर्यप्रकाश तिवारी तथा विश्वास ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर विजय गोस्वामी एवं प्रणय गोस्वामी द्वारा शासकीय धनराशि की क्षति शासन को पहुंचाई गई तथा पद का दुरूपयोग कर टेण्डर का संचालन उचित प्रकार से नहीं किया एवं शर्तों का घोर उल्लंघन किया। इन सभी चारों के विरूद्ध धारा 7, 13 (1) ए, 13 (2) भ्र.नि.अधि. 1988 (संशोधन 2018 ) एवं भा.दं.वि. की धारा 409, 420 एवं 120 बी के अंतर्गत लोकायुक्त प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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