Tuesday 18 January 2022

Video | Dewas - झुग्गी बस्ती तोड़ने के विरोध में किया कलेक्ट्रेट का घेराव, एक दिन पहले निजी भूमि पर से तोड़ी थी झुग्गियां | Kosar Express

श्री सिद्धिविनायक भक्त मंडल संयोजक ने पीड़ितों को 5-5 हजार रूपए देने की घोषणा की


देवास। नागदा में बने मकान व झुग्गी बस्तियों को जिला प्रशासन द्वारा तोड़े जाने के विरोध में व मुआवजा राशि दिलाए जाने को लेकर वार्ड क्रमांक 45 गोया नागदा के समस्त निवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं श्री सिद्धी विनायक भक्त मण्डल संयोजक प्रदीप चौधरी के नेतृत्व में जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।



चौधरी ने कहा कि वर्षो से निवास कर रहे गरीबों के मकान व झुग्गी झोपड़ी प्रशासन ने राजनैतिक दबाव में आकर ध्वस्त कर दिए। जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते है जो जहां रह रहा है, वही उसका निवास रहेगा, वहीं का उसे पट्टा मिलेगा, लेकिन प्रशासन द्वारा जो मकान तोडऩे की कार्यवाही राजनैतिक दबाव में आकर की गई वह सरासर गलत है। पिछले दो साल कोरोना में निकल गए। कोरोना का एक समय ऐसा था जब ऑक्सीजन की कमी थी, लोग मर रहे थे। तब बड़े-बड़े धन कुबेरो ने सेवा के लिए घरों के दरवाजे खोल दिए और दिल खोलकर सेवा की। वहीं दूसरी ओर देवास में लोगों के बसे बसाये घरों को भरी ठण्ड में उजाड़ा जा रहा है। चौधरी ने कहा कि नागदा में करीब 40 से 50 वर्षों से मकान व झुग्गी झोपडी निर्माण कर निवास कर रह रहे है। नगर पालिका निगम में सम्पत्तिकर भुगतान भी किया जाता है। हमारे कब्जे की भवन का पट्टा प्राप्त है और विद्युत कनेक्शन भी है। किसी भी प्रकार से आज दिनांक तक हमारे सामने को नप्ति/सीमांकन नहीं हुआ है तथा जन चर्चा से मालुम हुआ है कि उक्त भूमि राज परिवार की है। अगर है भी तो हम 50 वर्षों से वहाँ निवास कर रहे हैं हमारा व हमारी संतानो का भविष्य क्या है। करीब 20 से 25 जिला प्रशासन द्वारा सुचना दिये बिना ही भारी पुलिस बल व प्रशासन की निगरानी में तौड दिया गया। कोरोना कहर व शीत लहर चलने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा मकान तोड़ दिये गये है, जिसके कारण ये गरीब लोग नवजात शिशु व नाबालिक पुत्र/पुत्रीयों को कहां लेकर जाएंगे। ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि मकान तोडऩे वालों पर कार्यवाही करते हुए तोडे गये मकानो की मुआवजा राशि प्रदान की जाए। ज्ञापन व प्रदर्शन के बाद प्रदीप चौधरी ने सभी पीड़ित परिवारों को 5-5 हजार रुपए आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की।

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