- बंद मिल के श्रमिकों व लिक्विलेटर के बीच हुई बैठक में नही निकला कुछ निष्कर्ष
- श्रमिकों ने कहा कि लिक्विलेटर हमें और प्रशासन को कर रहा गुमराह
देवास। विगत दो माह से संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में चामुण्डा स्टैंडर्ड मिल के श्रमिक अपना बकाया वेतन एवं ग्रेच्युटी भुगतान हेतु आंदोलनरत है। ज्ञापन, प्रदर्शन, हड़ताल एवं चक्का जाम के बाद जिला कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप किया और 23 दिसंबर, गुरूवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रशासन, श्रमिक नेता और हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त लिक्विलेटर ओपी अग्रवाल के मध्य संयुक्त बैठक कराई। बैठक में प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर महेन्द्र सिंह कवचे, एएसपी मंजीत सिंह, सीएसपी विवेक सिंह चौहान एवं श्रमिक पक्ष से प्रदीप चौधरी, इंदर सिंह ठाकुर, विक्रम पटेल, गोरधन देसाई, बाबूलाल मंडलोई, रामप्रसाद पटेल, केसर सिंह पहलवान, तेजराम मुकाती, मनोहर पहलवान, संतोष बैरवा, ओमप्रकाश सगरवंशी, रमेश पटेल सहित अन्य पीडि़त श्रमिक उपस्थित थे। श्रमिक पक्ष ने अपनी बात रखते हुए कहा कि श्रमिकों को बकाया वेतन एवं गे्रज्यूटी जो प्रति श्रमिक 5 लाख रूपए बनती है, उसका एक मुश्त में भुगतान किया जाए। तब तक श्रमिक अपना आंदोलन जारी रखेंगे एवं निलाम हुई जमीन पर से कब्जा नही छोड़ेंगे और किसी प्रकार की तोडफ़ोड़ व निर्माण भी नही होने देंगे। प्रदीप चौधरी ने श्रमिकों का पक्ष रखते हुए कहा कि कम्पनी के 453 श्रमिकों के कुल 66 करोड़ रूपए का क्लेम बकाया है, जिसके हिसाब से प्रत्येक श्रमिक को 5 लाख रूपए मिलना चाहिए। जिसमें से कम्पनी द्वारा 3.50 करोड़ रूपए ही प्राप्त हुए, इस हिसाब प्रत्येक श्रमिक को 70 हजार रूपए ही मिले है। बैठक में उपस्थित लिक्विलेटर ओपी अग्रवाल ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 453 श्रमिकों का कुल 11 करोड़ रूपए का ही क्लेम बकाया है, जिससे समस्त श्रमिक नाराज हो गए। श्रमिकों ने कहा कि कम्पनी मालिक ओपी अग्रवाल हमारे साथ छलावा कर रहा है। अग्रवाल ने बैठक में आगे कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय अनुसार बिक्रीत संपत्ति से प्राप्त राशि का 3 प्रतिशत श्रमिक और बैंकों को जमा करना है। उन्होंने यह भी बताया कि स्टैण्डर्ड मील पर बैंकों का 10 हजार करोड़ का ऋण है। अग्रवाल ने बैठक में यह भी कहा कि जिसको हमने कम्पनी की जमीन बेची है उसने भी पूरा पैसा हमे दे दिया है। उसके बावजूद भी श्रमिकों का बकाया पैसा कम्पनी मालिक द्वारा क्यों नही दिया जा रहा। गुरूवार को हुई बैठक में कुल मिलाकर कुछ भी निष्कर्ष नही निकला। श्रमिकों ने कहा कि हम अपनी मांग पर अटल है। जब तक हमारा पूरा वेतन, ग्रेज्यूटी का भुगतान नही होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। संयुक्त टे्रड यूनियन ने श्रमिकों को अब तक अंधेरे में रखा और 24 माह का कुल वेतन कितना बनता है यह भी नही बताया। इस प्रकार बिना किसी निर्णय के बैठक स्थगित कर दी गई।
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