देवास। कोरोना महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सरगना लोकेंद्र के साथ अर्जुन, वीरेन्द्र पर पुलिस ने रासुका लगाने की कार्रवाई की है। इस मामले को लेकर कलेक्टर ने आदेश जारी किए हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह के मुताबिक तीनों आरोपियों पर तो रासुका लगना तय है, हमनें प्रस्तावित कर दिया है। हालांकि इसमें किसकी कितनी और किस स्तर की भूमिका है, यह जांच की जा रही है। वहीं इस मामले में बताया जा रहा है की कार्रवाई के तहत प्राइम हॉस्पिटल व अमलतास हॉस्पिटल के और भी नाम सामने आ सकते हंै। फिलहाल कलेक्टर ने तीन समाज के दुश्मनों पर रासुका लगाने की कार्रवाई की है।
उल्लेखनीय है की पांच दिनों पूर्व 4 मई की रात्रि को कोतवाली थाना पुलिस को सूचना मिली थी की रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी शहर के प्राइम हॉस्टिपल में कार्यरत दो लोग कर रहे हैं। जिस पर पुलिस ग्राहक बनकर उत्कृष्ट विद्यालय के समीप गई जहां पर महिला नर्स पूजा पिता देवीसिंह कलासिया व अस्पताल में कंपाउंडर के पद पर कार्यरत अंकित को इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए रंगेहाथों पकड़ा था। इस मामले में दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो मेडिकल संचालक रूद्र तिवारी का नाम सामने आया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह ने प्रेस वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया था। वहीं उन्होनें बताया था की इस प्रकरण में इंदौर व उज्जैन के लोग भी शामिल है जिसका जल्द ही खुलासा किया जाएगा। वहीं इस प्रकरण में नर्स पूजा व रूद्र को जेल भेज दिया गया था व आरोपी अंकित को पुलिस रिमांड पर रखा था। जहां अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो लोकेंद्र का नाम सामने आया, लोकेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वीरेंद्र का नाम सामने आया था। इसके साथ ही अर्जुन का नाम आने के बाद उसे भी गिरफ्त में लिया गया है। वहीं कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया की वीरेंद्र की गिरफ्तारी के बाद दो नर्सों के नाम सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी होना है। इसके साथ ही तीन लोगों पर रासुका की कार्रवाई गई है जिसमें अंकित पटेल, अर्जुन व लोकेन्द्र हैं।
इधर, खुद को एमजीएच का डॉक्टर बताने वाले लोकेंद्र से कड़ी पूछताछ के बाद एक नया नाम वीरेंद्र का सामने आया है, जो कि अमलतास अस्पताल में काम करता है, कोतवाली पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली थाना प्रभारी उमराव सिंह के मुताबिक कड़ी पूछताछ के बाद लोकेंद्र ने कई राज उगले हैं, जिनके बारे में जांच की जा रही है। इस मामले में दो नर्सों के नाम भी सामने आए हैं। युवक वीरेंद्र पिता विक्रम सिंह पंवार उम्र 21 साल निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जिसको भी गिरफ्तार कर लिया है। इसने नर्सों से इंजेक्शन लेकर लोकेंद्र और अंकित को दिलवाए हैं। अभी इससे पूछताछ की जा रही है और भी कुछ नाम सामने आए हैं, जिनकी जल्दी गिरफ्तारी की जाएगी।
अब तक छ: आरोपी गिरफ्तार, तीन पर रासुका की कार्रवाई
इस मामले में अब तक कुल छ: लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें प्राइम हॉस्पिटल की नर्स पूजा, कंपाउंडर अंकित, रूद्र तिवारी, अर्जुन, लोकेन्द्र सिंह व वीरेन्द्र है। वहीं इस मामले को लेकर कोतवाली थाना प्रभारी उमराव सिंह ने बताया की अर्जुन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहता है जो अंकित के संपर्क में था। उसे 6 मई को गिरफ्तार किया था। इन छ: आरोपियों में से तीन आरोपी अंकित, अर्जुन व लोकेन्द्र है जिन पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होनें बताया की 3-4 लोगों के और नाम सामने आ सकते हंै। जिसमें प्राइम हॉस्पिटल और अमलतास के भी लोग भी शामिल हो सकते है। उन्होनें कहा है की किसी को भी इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं उन्होनें बताया की उज्जैन से भी नाम सामने आ सकते हैं।
यह होती है रासुका की कार्रवाई
रासुका का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम है जिसके तहत कार्रवाई की जाती है। बताया गया है की उक्त कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर जेल वारंट के आदेश देते हैं। जिसके तहत 45 दिनों तक कोई सुनवाई नहीं होती है। 45 दिनों के बाद हाईकोर्ट में सुनवाई होती है। जिसके तहत यह भी पता लगाया जाता है की पुलिस ने रासुका जिस व्यक्ति पर लगाई है वह सही है नहीं। यदि रासुका की कार्रवाई सही है तो वह जेल में ही रहेगा। यदि सही नहीं मानी जाती है तो कार्रवाई निरस्त की जा सकती है। उक्त फैसला कमेटी के माध्यम से लिया जाता है। उक्त कार्रवाई समाज विरोधी गतिविधियां करने वालो पर होती है।
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