हमने तहसीलदार से वाजिब बात की - काजी अबुल कलाम
देवास। नुसरत नगर क्षेत्र में वारसी नगर के सामने मस्जिद व मदरसे में ताला लगाने पहुंची तहसीलदार पूनम तोमर को शहर काजी अबुल कलाम फारूकी ने समझाया कि आपको पहले जिम्मेदारों से बात करनी थी। काजी अब्दुल कलाम फारूकी ने बताया कि हमने तहसीलदार से बात की और सम्मान से बात की। महिला और पुरुष का सवाल कहां से आ रहा है? प्रशासनिक अधिकारी भी गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं कि मामला गवालियर राजस्व कोर्ट में तो है लेकिन स्टे नहीं है। अब इन्हें कौन समझाए कि कोर्ट में मामला स्वीकारना ही स्टे माना जाता है। अनुभवहीन, अदूरदर्शी अधिकारियों द्वारा किया गया यह कार्य माहौल बिगाड़ने वाला ही था जिसे काजी अब्दुल कलाम फारूकी ने अच्छी तरह संभाला और गुस्साए नमाजियों सहित अन्यों को धरना पर बैठने का कह कर शांत किया। यहाँ हास्यास्पद बात यह है कि तहसीलदार शहर काजी अब्दुल कलाम से उनका नाम और पहचान बताने को कह रही थी। क्या तहसीलदार शहर काजी को नहीं पहचानती है?। जिला कलेक्टर को भी प्रशासन के सहयोगी युवा काजी अबुल कलाम फारुकी को सहयोग करना चाहिए क्योंकि इस घटना के बाद समाज के अनेक जिम्मेदार काजी को प्रशासनिक सहयोग के लिए ताना मारते भी नजर आये।
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