Sunday 13 December 2020

Dewas - सट्टा महाउत्सव में करोड़ों का कारोबार, सटोरियों के आगे वर्दी की ताकत हुई बेकार? | Kosar Express

 


देवास। देवास के सटोरियों को वर्दी का भरपूर सहयोग मिलता है, और इस सहयोग से ही सट्टा चलता है। जिसमें लगाने वाले बर्बाद और खाईवाल आबाद होते है। सांप की तरह जहरीली ये सामाजिक बुराई सटोरियों की अवैध कमाई का कभी न सूखने वाला स्त्रोत है। जिसमें खाकी और खादी भी डुबकी लगाती है। लाभ कमाती है और नये-नये सट्टा संचालकों को प्रोत्साहित करती है। बाबा शीलनाथ, संगीत सम्राट रज्जब अली खां साहब और कुमार गंधर्व के देवास जो माता चामुंडा के कारण देवनगर भी कहलाता है, देवास में सटोरियों का कारोबार सदाबहार है, जिसके लिए वर्दी के कुछ भ्रष्ट जिम्मेदार है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गलत जानकारी देकर सट्टा चलवाने वाले अपनी वर्दी तथा पद के साथ कर्तव्य पर भी कालिख पोत रहे है। देवास के सभी थाना क्षेत्रों में अलग-अलग अड्डों के संचालन का लाभ वर्दी वालों को सबसे अधिक मिलता है और दलालों को भी। आम आदमी कहता है, कि पुलिस की सहमति और सहयोग से ही यहां अवैध कारोबार चलता है। जनता की नजर में चामुंडा की नगरी और मां नर्मदा, शिप्रा के जिले को सट्टा व्यापार की मंडी बनाने में पुलिस ही जिम्मेदार है। शहर में अनेक जगह सट्टा-जुआ अड्डे चलाने में कई सफेदपोश, सत्ताधारियों, समाजसेवयों का मुखौटा लगाकर समाज में बुराई का विस्तार कर रहे है। एस. पी. की अनेक पत्रकार वार्ता में पत्रकारों ने सट्टा-जुआ अड्डे संचालन की जानकारी दी और एस. पी. ने बंद करवाने का विश्वास भी दिलाया लेकिन सट्टा व्यापार जारी रहा। सीएसपी ने सट्टे पर अंकुश लगाने की कोशिश भी की लेकिन वह भी नाकाम रही। कही भैय्या का सट्टा चल रहा हैं, तो कहीं भाई का, तो कहीं भाभी सट्टा करोबार चला रही हैं, और कहीं भान्जा-भतिजा।


देवास पुलिस की मासिक, साप्ताहिक वसूली ने श्रद्धा नगरी को सट्टा नगरी बना दिया है। कई क्षेत्र में भयमुक्त होकर सट्टा शाखाओं का चलना, निडर होकर हाजिर वर्ली व पर्चियां चलाना पुलिस की कमजोर निगाहों से नहीं दिखता। पुलिस सटोरियों की मर्जी से प्रकरण और जप्ती बना कर पल्ला झाड़ लेती है, ओर तो ओर कई भ्रष्ट पहले सट्टे संचालकों को फोन करके बता देते है कि आप ऊपर से दबाव है कार्रवाई करने का तो एक दो आदमी दे देना इस तरह से सट्टे अड्डों पर कार्रवाई होती है तो फिर क्यों बंद होगा सट्टा कारोबार? एसपी की सक्रिय साइबर टीम और क्राइम ब्रांच सहित वर्षों से देवास के अवैध कारोबारियों को सहयोग करने वालों को सट्टा कारोबार का पता क्यों नहीं है का उत्तर है सटोरियों से मिलने वाला भरपूर सहयोग जिसके दबाव में देवास की "देशभक्ति - जनसेवा" लाचार, बेकार और निर्जीव हैं। एसपी चाहे तो सट्टा व्यापार एक दिन में बंद हो सकता है।

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