देवास। भोलेनाथ मंदिर में हुए विवाद केे विषय में सारिका बांगर ने बताया कि खुद को गौ सेवक बताने वाले जितेन्द्र कानूनगो (जीतू) कानूनगो व गरिमा कानूनगो ने मुझ पर व मेरी माताजी कमला बांगर पर झूठा आरोप लगाते हुए पुलिस प्रकरण दर्ज कराया तथा समाचार पत्रों में गलत जानकारी दी है। सारिका बांगर ने बताया कि मेरा घर जितेन्द्र कानूनगो के घर के पास में ही है। मैं और मेरी माताजी घर पर अकेले ही रहते हैं। इनके बच्चे भी वहीं खेलते है कई बार इनके बच्चों की गेंद हमारे घर में आ जाती है और ये बच्चे हमारे घर में बिना बताए घुस आते हैं तथा गेट खुला छोड देते थे। इस बात की शिकायत हमने इनसे की थी। इसी बात को लेकर जितेन्द्र कानूनगो ने बच्चों की बात में आकर हमसे रंजिश रखते हुए हम पर झूठा इल्जाम लगाया है। घटना वाले दिन मैं और मेरी माताजी मंदिर में दर्शन करने गए थे, तभी जितेन्द्र कानूनगो व उसकी पत्नी गरिमा कानूनगो भी मंदिर में आए तथा वहां पर मुझे देखकर कहने लगे कि तुम हमारे बच्चो की गेंद क्यों नहीं देती हो और मुझे अपशब्द कहकर विवाद व हाथापाई करते हुए जितेन्द्र कानूनगो ने मुझे चांटा मार दिया तथा कहने लगा कि आज तो तू बच गई है लेकिन मैं तुझे जान से मार दूंगा। यह देखकर मंदिर पर उपस्थित दर्शनार्थियों ने बीच बचाव किया तब जितेन्द्र कानूनगो मुझे धक्का देकर भागा और मंदिर गेट से टकरा गया जिसके कारण इसके सिर में चोंट आई है, इस घटना के तुरंत बाद मे मै अपनी माताजी के साथ पुलिस थाने पर रिपोर्ट करने गई। गरिमा कानूनगो व जितेन्द्र कानूनगो ने मेरे साथ झूमा झटकी तथा मारपीट की जिस कारण मुझे कमर व हाथ में चोंट आई है। जितेन्द्र कानूनगो द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत है वहां पर कोई भी चाकूबाजी नहीं हुई है।
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