ट्रैफिक में भ्रष्टाचार की किरण बन रही है अवैध वसूली और वर्दी दुरुपयोग का सूरज
देवास। लॉक डाउन तालाबंदी ओपन होते ही कोरोना योध्दा कहलाने वाले कुछ वर्दीधारी सड़कों पर अवैध वसूली में व्यस्त नजर आने लगे। जनता की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े वादे करने वाले कोरोना काल में आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुके आम आदमी को नियमों के नाम पर लूटने में जरा सी दया और सहयोग नहीं कर रहे हैं। नौकरी से छूटा, बेरोजगारी से टूटा, रूखी-सूखी खाकर जैसे- तैसे अपना परिवार चला रहे आम आदमी पर नियम-कानून के नाम पर अवैध वसूली का फंदा लेकर खड़ी यातायात पुलिस को जनता की सेवक कहें, रक्षक कहें या भक्षक? मुख्यमंत्री और प्रदेश शासन जनता को शिक्षा, बिजली बिल में राहत देने सहित हर संभव सहयोग कर सांत्वना और साहस दे रहें हैं। किसानों को राहत दे रहे हैं। लेकिन देवास यातायात पुलिस चालानी कार्रवाई, अपमान और अवैध वसूली में लगी है। यातायात विभाग का प्रमुख लॉकडाउन में सबसे बड़े समाजसेवी और पुलिस विभाग के प्रतिनिधि बनकर प्रशंसा प्राप्त करते रहे हैं, विभाग को कर्तव्य पालन छोड़कर समाजसेवी के रूप में प्रसारित-प्रचारित करने वाले जनता के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं। एसपी कृष्णावेणी ने अनेक बार पत्रकारों से कहा कि हम कोरोना चक्रव्यूह में फंसी जनता पर सख्ती नहीं कर सकते फिर यातायात पुलिस क्यों अवैध वसूली कर रही है? अवैध वसूली करने वाले पुलिस जवान कोरोना मास्क की जगह मुंह पर रुमाल बांधकर अपनी पहचान छुपाते हुए वही अपना बेज ( नाम पट्टी ) भी नहीं रहे हैं। जिससे अवैध वसूली की शिकायत न हो सके। एसपी का अब ट्रांसफर हो गया है और नये एसपी की कार्यशैली क्या होगी यह तो समय बताएगा लेकिन पक्ष-विपक्ष को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए।
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