देवास। देवास पुलिस ने नकली नोट बनाकर उसे बाजार में चलाने वाली एक गैंग को पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने गैंग के तीन आरोपियों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे उज्जैन रोड स्थित उद्यान में एकत्रित होकर नकली नोट बाजार में चलाने की कवायद कर रहे थे। देवास पुलिस ने आरोपियों से करीब एक लाख 86 हजार के नकली नोट और उन्हें बनाने की साजो सामान को जप्त किया है।
पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी ने प्रेस वार्ता में बताया की देवास थाना कोतवाली और क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली नोट बनाने बेचने और मार्केट में चलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। थाना कोतवाली को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी नौशाद पिता शरीफ अंसारी निवासी उत्तर प्रदेश हाल मुकाम ग्राम पत्थर मुंडला इंदौर और देवास का रवि पिता जगदीश प्रसाद जयसवाल निवासी राजीव नगर इटावा देवास और कृष्ण नारायण पिता जगदीश गुप्ता निवासी ग्राम देवली कला जिला भिंड हाल मुकाम पत्थर मुंडला इंदौर उज्जैन रोड पर ब्रिज के पास स्थित गार्डन में नकली नोट मार्केट में चलाने के लिए पहुंचे है। मुखबिर के जरिए सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच के स्टाफ ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ की गई तब पूरे मामले का खुलासा हुआ।
मुख्य आरोपी नौशाद मेरठ का रहने वाला है और वहां कपड़े बनाने का व्यवसाय करता था। उसके ऊपर कर्ज होने पर 2 वर्ष पूर्व इंदौर में आकर पिंजारे का काम करना शुरू किया। उसी दौरान मोहल्ले का निवासी कृष्ण नारायण गुप्ता भी उसके साथ जुड़ गया। मुख्य आरोपी नौशाद द्वारा अपने घर पर बटर पेपर लाकर कलर प्रिंटर और लैपटॉप की मदद से नकली नोट बनाने का काम शुरू किया गया। शुरुआत में छोटे नोट बनाते थे और उसे हाट बाजार में चलाते थे। जब नोट चलने लगे तो इस काम को तेजी से करना शुरू किया। इस काम में उनका एक साथी मोहम्मद आशू पिता सलीम निवासी अशोक नगर भी उनके साथ जुड़ा जो अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
देवास पुलिस ने जब तीनों आरोपी को गिरफ्तार किया तब पूछताछ में पता चला की ग्राम पत्थर मुंडला जिला इंदौर में इन्होंने नकली नोट बनाने का एक मिनी कारखाना बना रखा है। जिस पर पुलिस ने इस कारखाने पर दबिश दी और नकली नोट बनाने के सारे सामान को भी जप्त किया।
नकली नोट बनाने बेचने को चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने में पुलिस कप्तान चंद्रशेखर सोलंकी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह राठौर, थाना प्रभारी महेंद्र परमार, उप निरीक्षक अनिल चकरे, सहायक उप निरीक्षक शकील खान, प्रधान आरक्षक निलेश राणा, मनोज पटेल, आरक्षक रवि परिहार, देवेंद्र सिंह सोलंकी, शैलेंद्र राणा, राहुल शर्मा की उल्लेखनीय भूमिका रही।
पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी ने प्रेस वार्ता में बताया की देवास थाना कोतवाली और क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली नोट बनाने बेचने और मार्केट में चलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। थाना कोतवाली को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी नौशाद पिता शरीफ अंसारी निवासी उत्तर प्रदेश हाल मुकाम ग्राम पत्थर मुंडला इंदौर और देवास का रवि पिता जगदीश प्रसाद जयसवाल निवासी राजीव नगर इटावा देवास और कृष्ण नारायण पिता जगदीश गुप्ता निवासी ग्राम देवली कला जिला भिंड हाल मुकाम पत्थर मुंडला इंदौर उज्जैन रोड पर ब्रिज के पास स्थित गार्डन में नकली नोट मार्केट में चलाने के लिए पहुंचे है। मुखबिर के जरिए सूचना मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच के स्टाफ ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ की गई तब पूरे मामले का खुलासा हुआ।
मुख्य आरोपी नौशाद मेरठ का रहने वाला है और वहां कपड़े बनाने का व्यवसाय करता था। उसके ऊपर कर्ज होने पर 2 वर्ष पूर्व इंदौर में आकर पिंजारे का काम करना शुरू किया। उसी दौरान मोहल्ले का निवासी कृष्ण नारायण गुप्ता भी उसके साथ जुड़ गया। मुख्य आरोपी नौशाद द्वारा अपने घर पर बटर पेपर लाकर कलर प्रिंटर और लैपटॉप की मदद से नकली नोट बनाने का काम शुरू किया गया। शुरुआत में छोटे नोट बनाते थे और उसे हाट बाजार में चलाते थे। जब नोट चलने लगे तो इस काम को तेजी से करना शुरू किया। इस काम में उनका एक साथी मोहम्मद आशू पिता सलीम निवासी अशोक नगर भी उनके साथ जुड़ा जो अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
देवास पुलिस ने जब तीनों आरोपी को गिरफ्तार किया तब पूछताछ में पता चला की ग्राम पत्थर मुंडला जिला इंदौर में इन्होंने नकली नोट बनाने का एक मिनी कारखाना बना रखा है। जिस पर पुलिस ने इस कारखाने पर दबिश दी और नकली नोट बनाने के सारे सामान को भी जप्त किया।
नकली नोट बनाने बेचने को चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करने में पुलिस कप्तान चंद्रशेखर सोलंकी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह राठौर, थाना प्रभारी महेंद्र परमार, उप निरीक्षक अनिल चकरे, सहायक उप निरीक्षक शकील खान, प्रधान आरक्षक निलेश राणा, मनोज पटेल, आरक्षक रवि परिहार, देवेंद्र सिंह सोलंकी, शैलेंद्र राणा, राहुल शर्मा की उल्लेखनीय भूमिका रही।
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