गुब्बारे बेचने के बहाने रेकी कर घुसे थे घर में
देवास। 5 एवं 6 जनवरी 2019 की दरमियानी रात्री मे खातेगॉव राष्ट्रीय राजमार्ग पर कन्नौद रोड़ पर स्थित पंडित रमाशंकर पिता शिवराम जोशी उम्र 80 साल नि. खातेगॉव की उनके मकान मे अज्ञात आरोपीयो के द्वारा घुस कर सिर मे प्राणघातक चोट पहुचाकर हाथ पैर बांध कर कु्ररता पूर्वक बेरहमी से हत्या सहित लूट की थी। जिससे क्षैत्र मे सनसनी फैल गई थी।
खातेगांव के बहुचर्चित लूट व हत्याकांड का मुख्य सरगना वचन उर्फ बड़ा पिता बारू शेख 50 वर्ष निवासी किशगढ़ को उप्र पुलिस ने पकड़ा था। वचन ने उप्र पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने देवास जिले के खातेगांव में भी वारदात को अंजाम दिया है। जिस पर देवास पुलिस वचन को न्यायालय से प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर आई। वचन से पुलिस को पूछताछ पर उक्त वारदात को अपने 4 अन्य साथियों के साथ करना बताया था। खातेगांव पुलिस ने वचन उर्फ बड़ा को 25 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जिससे पूछताछ के लिए पुलिस को न्यायालय ने 5 मार्च का समय दिया था। इसी दौरान उसने पूछताछ में 4 अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर वारदात को करना कबूल किया था। जिसके बाद रिमांड की अवधि खत्म होने वार वचन को वापस उप्र जेल भेज दिया गया था। जिसके बाद उप्र पुलिस से संपर्क कर वारदात में शामिल बाकि 4 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर लेकर आई।
गुब्बारे बेचने के बहाने रेकी कर घुसे थे घर में
एसपी चंद्रशेखर सोलंकी ने पत्रकारवार्ता में बताया कि अतर्राज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना वचन उर्फ बड़ा पिता बारू शेख ने अपने साथी नौशाद पिता इरशाद निवासी ग्राम सेदुपरा थाना गंगोड जिला सहारनपुर, उप्र,तोहीद उर्फ गोपाला उर्फ नाजिम पिता जुल्फान उर्फ साजिद उर्फ फेंडा निवासी सेदपुरा थाना गंगोह जिला सहारनपुर, उप्र, फेजल उर्फ चाहत उर्फ पाले खां पिता एहसान निवासी आलमपुर थाना गंगोह जिला सहारनपुर, उप्र और ताहीर उर्फ लाडला पिता एहसान निवासी आलमपुर थाना गंगोहर लिा सहारनपुर, उप्र ने नाम बताए और उनके साथ मिलकर वारदात को करना बताया था। जिस पर खातेगांव थाना प्रभारी सज्जनसिंह मुकाती, सतवास थाना प्रभारी हरीश जेजुरकर, कन्नौद थाना प्रभारी अमित कुमार सोनी की टीम गठित कर उप्र पुलिस से संपर्क पर चारों आरोपियों से पूछताछ की। जिस पर आरोपियों ने बताया कि करीब दो माह पहले खातेगांव क्षेत्र में गुब्बारे बेचने के बहाने आए थे और करीब 25 दिन गुब्बारे बेचने के दौरान रमाशंकर शास्त्री के घर की रैकी की। जिसके बाद लूट की वारदात करने का प्लान बनाया। जिसके बाद लूट की वारदात को अंजाम दिया और रमाशंकर शास्त्री की हत्या कर दी।
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