प्रशासनिक अधिकारियों ने हाथी पावा पहुँच कर पौधों को पिलाया पानी
झाबुआ। ( रहीम शेरानी ) पूर्व जिला पुलिस कप्तान महेशचंद्र जैन के पर्यावरण प्रेम ने इस वनांचल के जिला मुख्यालय की वीरान पड़ी हाथी पावा जैसी पहाड़ी में जन सहयोग से लाखों पौधा रोप कर झबुआ की शान बना दिया। आलम तो यह रहा कि भारत सहित विदेशी मेहमान भी जब यहाँ आने लगे तो वे जिले की खूबसूरती को देखने के लिये इकलौते स्थान हाथी पावा एक बार तो अवश्य जाते। यहाँ पर लहराता तिरंगा भी जिले वासियों में देशभक्ति का जज्बा कायम रखने के लिये पर्याप्त था। समय बदला दौर बदला ओर सत्ता भी बदल गई ! पुरे मध्य प्रदेश की कमान कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के हाथ मे आ गई ! और फिर परिवर्तन हुआ बड़े प्रशानिक अधिकारियों को जिले से जाना पडा तबादला होगा ! पुलिस कप्तान भी यहाँ से जावरा विदा हो गए और विदा हो गए उनके सपने ..... जी हाँ उन्होंने कहा था मेरी आत्मा में बसा है यह हाथी पावा ........ इसे जिलेवासियों को संभालना होगा। शायद वे जानते थे कि हर कोई प्रशानिक अधिकारी उनकी तरह समय का समायोजन कर जनता से इतनी नजदीकियां नही बना पायेगा, शायद वे यह भी जानते थे कि आने वाले समय में यदि जिले वासी नही जागे तो प्रशासन ही सो जाएगा बहरहाल बात कुछ भी हो आज उनके जाने के बाद हाथीपावा मुरझा गया है जिले की देशभक्ति सो गई है तभी पूरा दिन तिरंगा बदहाल अवस्था मे सभी को पुकारता रहा ... PN VOICE टीम ने भी जिला कप्तान प्रबल सिपाहा को सूचना दी। शायद व्यस्तताओं में हमारे ध्यानाकर्षण करवाने के बावजूद भूल गए। फिर क्या था जिले में यह सोशल इश्यू बन गया व्हैतसपप्प, फेसबुक की हर दूसरी पोस्ट हाथीपावा के दर्द को बया कर रही थी जनता के लाइक कमेन्ट्स ने आखिर प्रशासन को जगा ही दिया। स्वयं जिला कप्तान प्रबल सिपाह अपने प्रशानिक अमले के साथ हाथीपावा पहुँच कर अपने हाथों से पौधों को पानी दिया और मानो यह कहा हो कि प्रशासन से चूक हुई अब अनशन तोड़ो अब रोजाना हाथीपावा का खयाल रखा जाएगा। कांग्रेस की देशभक्ति पर हमेशा से भाजपा सवालिया निशान लगाते आ रही है ऐसे में उन्हें भी जिले के गौरव बन चुके हाथीपावा पर भारत के स्वाभिमान के प्रतीकात्मक तिरंगा सहित अन्य राष्ट्रप्रेम की मिसाल बनानी चाहिए।
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