Tuesday, 5 February 2019

Video | Dewas - कहीं नवजात शिशुऔ की खरीद-फरोख्त तो नहीं चल रही है एम जी हॉस्पिटल में? आखिर क्यों दबाए जाने का प्रयास किया जा रहा है इस कांड को, आखिर क्या है इस कांड के पीछे का सच | Kosar Express

सवालों के घेरे में विभाग, कटघरे में कानून
दागदार होता महकमा, सोचने पर मजबूर जनता
आखिर क्यों बेबस है यहां के अधिकारी
क्यों नहीं ले पा रहे है इस तरह के कांड पर कोई एक्शन

देवास। कारनामों कि तकरीबन सारी हदें पार कर चुके देवास के माहात्मा गांधी जिला चिकित्सालय में 23 जनवरी को प्रसुति वार्ड के लेबर रूम से इंचार्ज सिस्टर सुधा नायर के 60 हजार रुपये चोरी हो जाने की जानकारी लगी। इस जानकारी कि तहटटोल ने पर बहुत कुछ निकलकर बाहर आया जो काफी चौकाने वाला भी है। और सोचने वाला भी है। लेकिन जिला चिकित्सालय में न तो कोई चोका ना ही किसी ने कुछ सोचने की जहमत उठाईं। सरकारी बिल्डिंग में सुरक्षित स्थान पर ताले तोड़कर रुपये चोरी हो गए और पुलिस कार्रवाई नही कि गई ।अधिनस्थों को डरा धमकाकर प्रताडित किया जा रहा है। पैसा इकट्ठा करने का दबाव बनाया जा रहा है। मत्रे हुये चावल लाकर खिलाए जा रहे है। यह भी बताया जा रहा है कि किसी महिला आरक्षक द्वारा भी लेबर रूम कर्मचारियों से पूछताछ की गई लेकिन उक्त महिला आरक्षक ने आखिर अपने वरिष्ठों को इस मामले से अनभिज्ञ क्यों रखा क्या? महिला आरक्षक का कर्तव्य नही था अपने वरिष्ठ अधिकारियों को उक्त घटना से अवगत कराना ? सिविल सर्जन द्वारा अपने स्तर पर कैमरों की रिकॉर्डिंग देखकर कर्मचारियों पर रौब झाडने कि कोशिश की गई लेकिन लेबर रूम इंचार्ज सुधा नायर से जवाब तलब नही कर पाए जो कई शंकाओं के साथ सवाल खड़े करता है। 

यह सब कुछ पिछले कई दिनों से चल रहा है। लेकिन जिला चिकित्सालय के जवाबदार प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिम्मेदार सिविल सर्जन अभी तक यह सवाल नही उठा पाए कि आखिर सरकारी लाकर मे लेबर रूम इंचार्ज ने कोन सा पैसा रखा था ? कहां से आया था ये रुपया ?  क्यों लाया गया था ये पैसा ! कहीं ये रुपया रिस्वत का तो नहीं ? रिस्वत ली गई थी या रिस्वत दिये जाने के लिए लाकर मे रखा गया था रुपया ? कहीं नवजात शिशुऔ की खरीद-फरोख्त नहीं हो रही है एम जी हॉस्पिटल में? प्रसुति वार्ड में लगते रहे रिस्वतखोरी के आरोपों को सच करनेवाला पैसा तो नहीं था? इस तरह के उठते कई सवाल और जवाबदारो कि खामोशी स्वास्थ्य विभाग को बदनुमा दाग से दागी कर रही है? अब देखना यह बाकी है इस कांड पर डाले जा रहे पर्दों को उठाने की हिमाकत कोन कर पाता है। क्योंकि जिला अस्पताल के प्रभारी अधिकारियों द्वारा डंके कि चोट पर यह कहा जाता रहा है कि अगर यहां के हालात और भी बिगडे तब भी हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है क्योंकि हमने देवास से लेकर भोपाल तक सबके मुह मे रुपया इस तरह ठूंस रखा है कि वे ठीक से सांस तक नही ले पा रहे है तो हमारे खिलाफ कार्यवाही करना तो बहुत दूर कि बात है ?

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