Wednesday 11 July 2018

फेसबुक, Whatsapp जिम्मेदार पति-पत्नि विवाद के 70 फीसदी मामलोंं में | Kosar Express


सोशल मीडिया ने लोगों के बीच की दूरियों को कम किया। बूढ़े माता-पिता सोशल मीडिया के जरिए हर रोज विदेश या शहर से बाहर रहने वाले अपने बच्चों से बात कर अपना अकेलापन दूर कर रहे हैं। शहर की कई घरेलू महिलाएं सोशल मीडिया की वजह से ही आज सामाजिक कार्यों में सहभागिता कर पा रही हैं।

कई लोगों की जिंदगी को बदलने में सोशल मीडिया ने एक अहम भूमिका निभाई है, वहीं सभी वर्ग के लोगों को एक वर्चुअल वर्ल्ड से जोड़ने वाले सोशल मीडिया ने आज कई जिंदगियों को बर्बाद भी कर दिया है।

कल तक पति-पत्नी के बीच झगड़े के कई कारण होते थे, लेकिन आज एक प्रमुख कारण सोशल मीडिया है। पहले लोगों ने स्मार्टफोन को समझने के लिए अपना वक्त दिया और आज स्मार्टफोन के लिए अपने हर रिश्ते को दांव पर लगा रहे लोग अपनी जिम्मेदारियों को ही नहीं समझ रहे हैं।

रोजाना आधे घंटे से ज्यादा मोबाइल यूज करने से बन रहे एडिक्ट

- शुरुआती तौर पर घरेलू महिलाएं आधे घंटे हर रोज मोबाइल को समझने में दे रहीं थी, लेकिन अब यही महिलाएं वॉट्सएप, फेसबुक में रोज अपने 3-4 घंटे दे रही हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग के जरिए भी मोबाइल का लगातार यूज कर रही हैं। स्मार्टफोन के साथ लगभग 6 घंटे बिताने वाली महिलाएं इस दौरान अपनी जिम्मेदारियों को भूलती जा रही हैं।

- सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा समय इन दिनों कॉलेज गोइंग गर्ल्स और हाउस वाइफ बिता रही हैं। 40 फीसदी घरेलू महिलाएं सोशल मीडिया पर रहती हैं एक्टिव।

- सोशल मीडिया का लगातार यूज महिलाओं और युवाओं को एडिक्ट बना रहा है।

- 10% पुरुष रोजाना दिन में एक बार अपना फेसबुक अकाउंट चेक करते हैं, 30% पुरुष हफ्ते में एक बार टाइम मिलने पर अपना फेसबुक अकाउंट देखते हैं।

- पिछले तीन सालों में पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह वर्चुअल वर्ल्ड से लगाव यानी सोशल मीडिया बन रहा है। परिवार परामर्श केन्द्र में 70% तक इससे जुड़े मामले दर्ज हुए हैं।

- सोशल मीडिया पर फोटो, स्टेटस अपलोड करने के बाद बेहतर रिस्पॉन्स लाइक्स और कमेंट्स न मिलने से डिप्रेशन में जाने वालों की संख्या भी बढ़ी है। इससे मेंटल डिसऑर्डर बढ़ा है।

सोशल मीडिया यहां बना बेहतर प्लेटफॉर्म


- बुजुर्गों को अपनों से बात करने का बना बेहतर विकल्प।

- अपनों से बढ़ी नजदीकियां, सोशल मीडिया ने दूर-दराज में रहने वाले रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच की दूरियों को कम किया। वॉट्स एप चैटिंग, वीडियो कॉलिंग और सोशल अकाउंट्स में मिल रही अपडेट्स से सभी एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं। प्रमोशन के लिए ये अच्छा प्लेटफॉर्म है।

70 फीसदी बढ़े घरेलू झगड़े

परिवार परामर्श केन्द्र में पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह शक है। सोशल मीडिया में बने फ्रेंड्स से लगातार चैटिंग करना ही उनके बीच में कलह का कारण बन रहा है। इसके चलते महिलाएं अपनी अन्य जिम्मेदारियों को नहीं समझ पा रही हैं। इतना ही नहीं स्मार्टफोन से इतना लगाव हो गया है कि महिलाएं तलाक देने को भी तैयार हैं। इसके अलावा घरों में बच्चों के घंटों फोन पर सक्रिय रहना भी कलह का कारण बन रहा है।

स्मार्टफोन का इस्तेमाल लिमिटेड टाइम के लिए करने से इसके साइड इफेक्ट्स नहीं हैं, बल्कि जरुरत से ज्यादा इसका इस्तेमाल करने से एडिक्शन बन गया है। खास तौर से उन लोगों के लिए जो फोटो अपलोड कर ज्यादा लाइक्स और कमेंट्स की कामना करते हैं। ऐसा नहीं होने पर डिप्रेशन में जाते हैं। ये अपने आप में मेंटल डिस्ऑर्डर है। - डॉ.अनिता पुरी सिंह, मनोचिकित्सक

- सोशल मीडिया से जहां रिश्तों की डोर टूट रही हैं, वहीं इससे अपराध भी बढ़े हैं। हर चीज के दो पहलू होते हैं। इसका अच्छा यूज भी है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी इसका गलत इस्तेमाल कर रही हैं। सोशल मीडिया से यदि रिश्ते जुड़ रहे हैं, तो उतनी ही तेजी से ये खत्म भी हो रहे हैं। 70 फीसदी मामलों में झगड़े की वजह है सोशल मीडिया। - डॉ. विनय मिश्रा, मनोचिकित्सक

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