गुरुवार, 10 मई 2018

सहारनपुर तनाव: युवक की हत्या, विधायक को धक्के देकर भगाया, इंटरनेट सेवाएं बंद

सहारनपुर। दलित बस्ती में महाराणा प्रताप जयंती मनाए जाने के कारण उत्पन्न हुए विवाद के दौरान रामनगर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस अभी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है कि हत्या किसने की परंतु सचिन की मां एवं भाई ने कुछ लोगों को नामजद किया है। अस्पताल पहुंचे में भीम आर्मी के लोगों ने कांग्रेस विधायक नरेश सैनी को धक्के देकर निकाल दिया। इसके बाद पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी धक्का मुक्की की गई। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं हैं। चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है।

तनाव के बीच आई हत्या की खबर


महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर पहले से ही तनाव बना हुआ था। इसके मद्देनजर मल्हीपुर रोड और रामनगर में भारी फोर्स तैनात थी। दोपहर के समय अधिकारियों को सूचना मिली कि भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह सूचना सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई और बड़ी संख्या में भीम आर्मी के सदस्य जिला अस्पताल में पहुंचने लगे।

अधिकारियों से अभद्रता, जाम लगाया
उन्होंने क्षत्रिय समाज के लोगों पर सचिन की हत्या करने का आरोप लगा हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से भी उन्होंने अभद्रता की। रामनगर में भी दलित समाज के लोगों ने जाम लगा दिया। पूरे जिले में भीम आर्मी के सदस्यों को फोन कर मौके पर बुलाया जाने लगा। हंगामा दोपहर एक बजे से शुरू होकर देर शाम तक जारी था। 

राजपूत महासभा पदाधिकारियों के खिलाफ FIR

एसएसपी बबलू कुमार का कहना था प्रथम दृष्टया घटना संदिग्ध लग रही है और विभिन्न बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। मृतक सचिन की मां कांति देवी की ओर से दी गई तहरीर पर देहात कोतवाली में राजपूत महासभा के अध्यक्ष शेर सिंह राणा, कान्हा राणा, नागेन्द्र राणा, उपदेश राणा के खिलाफ हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

सहारनपुर की इंटरनेट सेवाएं बंद
जिलाधिकारी पीके पांडेय ने बताया कि जिले भर में इंटरनेट सेवा बंद करा दी गई है और पुलिस विभिन्न बिन्दुओं पर मामले की जांच कर रही है। जिले में किसी को भी माहौल नहीं बिगाड़ने दिया जाएगा।

कांग्रेस विधायक नरेश सैनी को जिला अस्पताल में धक्के देकर भगाया
सचिन वालिया की मौत के बाद पीड़ितों के बीच पहुंचे कांग्रेस के बेहट विधायक नरेश सैनी को भीम आर्मी के सदस्यों ने वहां से धक्के देकर भगा दिया। विधायक के साथ आये लोगों ने जब उन्हें समझाने का प्रयास किया तो उनके साथ भी अभद्रता कर भगा दिया गया। घटना की सूचना मिलने के बाद जिला अस्पताल में आक्रोशित भीम आर्मी के सदस्यों के बीच सबसे पहले विधायक नरेश सैनी पहुंचे थे। सैनी ने जैसे ही कमल वालिया के पास पहुंच कर उन्हें सांत्वना देने का प्रयास किया तभी भीम आर्मी के सदस्यों ने कांग्रेसी विधायक के साथ अभद्रता करनी शुरू कर दी। उन्होंने विधायक को वहां से धक्के देकर भगाया, जब विधायक के साथ आये कुछ लोगों ने आक्रोशित युवाओं को समझाने का प्रयास किया तो इन युवाओं ने उनके साथ भी जमकर अभद्रता कर डाली, जिसके बाद कांग्रेसी विधायक वहां से अपमानित होने के बाद लौट गए। 

ऐसे तो जनप्रतिनिधि जनता के बीच जाना ही छोड़ देंगेः नरेश सैनी
कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने कहा कि आज जनप्रतिनिधि के सामने दिक्कत है कि ऐसी घटनाओं में वह पीड़ितों के बीच जाता है तो पीड़ित कहता है कि क्यों आये, और अगर नहीं जाता है तो फिर क्यों नहीं आये? वह उनके आक्रोश को समझ सकते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि के सम्मान का भी ध्यान रखना चाहिए, जनप्रतिनिधि तो सहयोग के लिए जाते हैं, यदि इस तरह का व्यवहार होगा तो फिर जनप्रतिनिधि ऐसी घटनाओं में जाना ही छोड़ देंगे।

CP CITY पर साजिश का आरोप
घटना के बाद जब एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह, सीओ प्रथम इंदु सिद्धार्थ भी फोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे तो भीम आर्मी ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसपी सिटी के धक्का-मुक्की भी हुई। भीम आर्मी जिलाध्क्ष कमल वालिया ने तहरीर में एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह पर भी साजिश रचने का आरोप लगाया और उनके निलंबन की मांग करते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

50 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग 


भीम आर्मी ने सचिन वालिया के हत्यारोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की है। साथ ही महारणा प्रताप भवन को सीज कर आगे से कभी भी कार्यक्रम की अनुमति न दिये जाने की भी मांग की गई है। 

DM-SSP को झेलनी पड़ी नाराजगी
भीम आर्मी कार्यकर्ता सचिन वालिया की मौत के बाद जिलाधिकारी और एसएसपी को हर जगह लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। डीएम-एसएसपी गुस्साए परिजन और ग्रामीणों के निशाने पर रहे। महाराणा प्रताप जयंती की अनुमति देने के कारण परिजनों ने प्रशासन को सचिन का हत्यारा बताया। जिसे अधिकारी कड़वे घूंट की तरह पीते रहे। 

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