नई दिल्ली। 150 लोगों का नरसंहार कौन भुला सकता है। मुंबई अटैक दुनिया भर के जघन्यतम आतंकवादी हमलों में से एक है। पाकिस्तान हमेशा इस हमले में अपनी भूमिका नकारता रहा है। भारत के सबूतों को गलत बताता रहा है परंतु आज पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पद से हटने के करीब 9 महीने बाद मुंबई अटैक में पाकिस्तान की भूमिका को कबूल कर लिया है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन को दिए इंटरव्यू में कहा कि क्या हमें आतंकियों को सीमा पार जाने देना चाहिए और मुंबई में 150 लोगों को मारने देना चाहिए? उन्हें पनामा पेपर केस में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 जुलाई को दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था।
पाक में अभी भी आतंकी संगठन सक्रिय
अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में अभी भी आतंकी संगठन सक्रिय हैं। क्या हम उन्हें सीमा पार कर मुंबई में घुसकर 150 लोगों को मारने का आदेश दे सकते हैं? क्या कोई मुझे इस बात का जवाब देगा? हम तो केस भी पूरा नहीं चलने देते।‘‘ बता दें कि हाल ही में पाक ने 26ध्11 के मुंबई हमले की पैरवी कर रहे मुख्य वकील चैधरी अजहर को हटा दिया गया था। नवाज ने ये भी कहा, ‘‘अगर आप कोई देश चला रहे हैं तो उसी के साथ में दो या तीन समानांतर सरकारें नहीं चला सकते। इसे बंद करना होगा। आप संवैधानिक रूप से केवल एक ही सरकार चला सकते हैं।
हमारे अपने लोगों ने मुझे बाहर कर दिया
नवाज ने कहा, ‘‘मुझे अपने लोगों ने सत्ता से बेदखल कर दिया। कई बार समझौते करने के बाद भी मेरे विचारों को स्वीकार ही नहीं किया गया। अफगानिस्तान की सोच को मान लिया जाता है, लेकिन हमारी नहीं। हालांकि नवाज इस बात को नकारते हैं कि नाकाम रहने के चलते उन्हें पद से जाना पड़ा। वे कहते हैं, ‘‘देश में संविधान सबसे ऊपर है। दूसरा कोई रास्ता नहीं है। हमने एक तानाशाह (परवेज मुशर्रफ) पर केस चला दिया। ऐसा पाकिस्तान में पहले कभी नहीं देखा गया।
नवाज को पिछले साल जुलाई में देना पड़ा था इस्तीफा
पनामा पेपर लीक मामले में नवाज का नाम आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 जुलाई को उन्हें दोषी पाया था। उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद नवाज को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद अप्रैल में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ पर आजीवन चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। उन्हें संविधान की धारा 62 (1)(एफ) के तहत अयोग्य करार दिया। इसके बाद वे कोई भी सार्वजनिक पद पर नहीं रह पाएंगे।
कब हुआ था मुंबई आतंकी हमला?
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई के ताज होटल में घुस गए और चार दिनों तक वहां कब्जा जमाए रखा था। शहर के सात जगहों पर फायरिंग की थी। इस हमले में करीब 166 लोगों मारे गए थे, जबकि 300 लोग घायल हो गए थे।
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