Sunday 22 April 2018

उन्नाव गैंगरेप केस: CBI दफ्तर में पीड़िता और उसके परिवार से पूछताछ

उन्नाव गैंगरेप केस की जांच कर रही सीबीआई

उन्नाव गैंगरेप केस की जांच कर रही सीबीआई पीड़िता, उसकी मां और चाचा को लेकर लखनऊ स्थित ऑफिस पहुंची है. दिल्ली से पहुंचे सीबीआई के एक बड़े अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं. सीबीआई को पीड़िता के पिता के खिलाफ पुलिस की एफआईआर फर्जी होने के सबूत मिले हैं. आरोपी विधायक के भाई से भी पूछताछ की जा रही है.

सीबीआई हिरासत में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित पांचों आरोपी है. उन सभी से पीड़िता के पिता की मौत के संबंध में पूछताछ हो रही है. सभी को मौका-ए-वारदात पर ले जाया जाएगा. बीते मंगलवार को ही सीबीआई ने अतुल सिंह सेंगर सहित पांचों आरोपियों को अपने हिरासत में लिया है.

बीते सोमवार को सीबीआई पीड़ित लड़की को लेकर लखनऊ कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने पहुंची. जज ने बंद कमरे में लड़की का बयान लिया. यह बयान पूरी तरह से गोपनीय है. कोर्ट की कार्यवाही में उसको शामिल किया जाता है. आरोपी विधायक का नार्को टेस्ट हो सकता है. उधर, पीड़िता के परिजनों ने विधायक पर नया आरोप लगाया है.

पीड़ित परिवार का आरोप था कि कुलदीप सिंह सेंगर ने जानबूझकर परिवार को कोर्ट तक जाने से रोका है, ताकि पीड़िता के उम्र से संबंधित दस्तावेज कोर्ट में जमा न हो सके. परिवार का दावा है कि उनके पास पीड़िता की उम्र के संबंध में पुख्ता दस्तावेज हैं, वो उसे कोर्ट में पेश करना चाहते हैं. पीड़िता की उम्र को लेकर हाल ही में सवाल उठाए गए थे.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अभी तक अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया है. उन्होंने कहा है कि जिस दिन रेप की बात पीड़िता ने कही है, उस दिन वो उन्नाव में नहीं थे. उन्होंने सीबीआई को अपनी प्रोग्राम डायरी भी दी है. लोगों से उनके कार्यक्रमों की फोटो और डिटेल इकट्ठा करने के लिए कहा है.

विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप

गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.

पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप

मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए. पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.

पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां

पीड़िता के पिता को बीते रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं. इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान तड़के लगभग तीन बजे उसकी मौत हो गई. मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी. मृतक के परिजन ने बीजेपी विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.

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