नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में बीजेपी को अपने मेनिफेस्टो में एक ऐसी हरकत कर दी है जिसके कारण उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। मेनिफेस्टो में हिंसा की जिन तस्वीरों को बंगाल से जुड़ा बताया गया है वो दरअसल बांग्लादेश की हैं। पार्टी ने मंगलवार को ये मेनिफेस्टो जारी किया था। बता दें कि किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में प्रकाशन से पूर्व एक एक अक्षर, यहां तक कि तारीख का भी ध्यान रखा जाता है। दर्जनों बार प्रूफ रीडिंग होती है, उसके बाद प्रकाशन के लिए दिया जाता है।
बीजेपी मेनिफेस्टो की बुकलेट के कवर के पिछले हिस्से पर इन तस्वीरों को कोलाज के तौर पर प्रकाशित किया गया है। ये तस्वीरें बांग्लादेश में 2013 में युद्ध अपराधों से जुड़े मुकदमों के बाद भड़की हिंसा के दौरान की हैं। बीजेपी ने ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल अपने प्रोपेगेंडा के हिस्से के तौर पर किया है। बीजेपी अक्सर ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के दमन के आरोप लगाती है। तस्वीर में प्रदर्शनकारियों को मुस्लिम टोपी पहने और हाथ में लाठियां लिए देखा जा सकता है। पृष्ठभूमि में कुछ वाहन जलते नजर आ रहे हैं। कुछ अन्य तस्वीरों में हिन्दू देवी-देवताओं की क्षतिग्रस्त मूर्तियों को भी देखा जा सकता है। बता दें कि बांग्लादेश के नसीरनगर में अक्टूबर 2016 में ऐसी ही घटना हुई थी। ये तस्वीर संभवतः उसी दौरान की है।
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्ठ पार्टी नेता मुकुल रॉय ने मंगलवार को मेनिफेस्टो को लॉन्च किया था। जब उनसे ऐसी तस्वीरों के इस्तेमाल के बारे में पूछा गया तो घोष ने कहा, ‘ये आज के पश्चिम बंगाल के हालात को दिखाने के लिए किया गया जिन्हें बदलने की जरूरत है। बंगाल को अफगानिस्तान बनाने की तैयारी हो रही है जिसे हम बदल कर सोनार बांग्ला बनाएंगे। इस बदलाव की अगुवाई सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है।
ये पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने फर्जी या असंबंधित तस्वीरों को बंगाल का बताते हुए जारी किया। बीते साल बसीरहाट हिंसा के दौरान बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक ऐसी तस्वीर को बंगाल का बताते हुए ट्वीट पर अपलोड किया था जो दरअसल 2002 गुजरात हिंसा की थी। नूपुर शर्मा पर कोलकाता पुलिस ने फर्जी फोटो वायरल करने को लेकर केस भी दर्ज किया था।
बीते हफ्ते, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को फेक न्यूज के खतरों को लेकर सावधान किया था। राज्य के केबल टेलीविजन ऑपरेटर्स को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था कि फेक न्यूज से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। अक्सर दो समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ उकसावे के लिए ऐसा किया जाता है।
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