Thursday 24 May 2018

मध्य प्रदेश : रमजान में किसान आंदोलन ले सकता है सांप्रदायिक रंग, आईजी इंटेलीजेंस ने जताई आशंका | Kosar Express

मंदसौर में किसान आंदोलन की बरसी से पहले एक जून से शुरू होगा आंदोलन।

आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने जताई आशंका।

भोपाल. रमजान में किसान आंदोलन साम्प्रदायिक रंग ले सकता है। ये आशंका आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने जताई है। एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा है कि एक से 10 जून तक प्रस्तावित किसान आंदोलन के दौरान रमजान में सावधान रहने की जरूरत है और इसके लिए प्रदेश के पुलिस अफसरों को अलर्ट किया गया है।

- आईजी इंटेलीजेंस देउस्कर के इस नए खुलासे ने सरकार की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व इस मौके का फायदा उठाकर शांति भंग की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए प्रदेश के सभी एसपी को इससे निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
-इससे पहले किसान आंदोलन को लेकर बुधवार को गृह मंत्रालय भी सरकार को इनपुट दे चुका है, जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है, इसलिए इस पर कड़ी नजर रखी जाए। इसी सिलसिले में सीएम शिवराज सिंह ने गुरुवार को सभी जोनल आईजी की बैठक बुलाई है।
- वहीं, पुलिस हेडक्वार्टर ने पहले ही प्रदेश के सभी एसपी को पत्र लिखकर अलर्ट जारी कर चुका है। गुरुवार को एक अन्य घटनाक्रम भाजपा ने मंदसौर के अपने सभी विधायकों को भोपाल तलब कर लिया है। बता दें कि 6 जून को किसान आंदोलन की बरसी है और इसे लेकर सरकार पहले से अलर्ट है। इसी दिन राहुल गांधी मंदसौर में रैली करने वाले हैं। राज्य की भाजपा सरकार ने आदेश दिया है कि किसानों को उकसाने और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।
कृषि मंत्री ने फिजा खराब करने वालों को छोड़ेंगे नहीं
- प्रदेश कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि राज्य में किसान संगठन नहीं बल्कि कांग्रेस किसानों को उकसाने का काम कर रही है। और मंदसौर की घटना के बहाने प्रदेश की फिजां को खराब करने की कोशिश की जा रही है। कृषि मंत्री के मुताबिक राज्य सरकार किसान को उसकी उपज का सही दाम देने का काम कर रही है। लेकिन विकास में रोड़ा विपक्ष किसानों के नाम पर माहौल बिगाड़ने में लगी है।
किसान आंदोलन को लेकर अलर्ट
-बता दें कि किसानों का आंदोलन एक जून से शुरू होगा। इस आंदोलन ने पुलिस और इंटेलीजेंस की नींद उड़ा दी है। किसान एक जून से अपने उत्पाद शहर में लाकर नहीं बेचेंगे। किसान आंदोलन में अब तक मंदसौर, नीमच, इंदौर, धार, उज्जैन, देवास, शुजालपुर, आगर-मालवा, रतलाम, खंडवा, खरगौन जिले को ही संवेदनशील माना जा रहा था, लेकिन किसान नेताओं की सक्रियता इन जिलों के साथ ही भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, जिलों में भी बढ़ी है।
किसानों की बढ़ी सक्रियता
-इंटेलीजेंस की ताजा रिपोर्ट में होशंगाबाद, हरदा और सबसे ज्यादा इसमें संवेदनशील नरसिंहपुर जिले को माना गया है। यहां पर किसानों की कई मांगों के लेकर आंदोलन लगातार चल रहे हैं। वहीं श्योपुर, शिवपुरी, रीवा, सीधी में भी किसान संगठन अपने आंदोलन को लेकर लगातार बैठक कर रहे हैं।

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