Saturday, 22 March 2025

Dewas - पुलिस ने 31 लाख रूपये से ज्यादा की ठगी राशि करवाई वापस, ऑपरेशन साइबर के तहत देवास पुलिस की बड़ी सफलता | Kosar Express

 

  • सायबर फ्रॉड में गई धनराशि पुनः खाते में वापस आने वाले आवेदको के साथ पुलिस अधीक्षक देवास ने की बातचीत
  • आवेदको सहित सायबर टीम को दिये प्रशंसा पत्र
  • सायबर फ्रॉड से बचने के तरीको के बारे में बताया
  • आवेदकों ने देवास पुलिस अधीक्षक महोदय एवं सायबर टीम का किया आभार व्यक्त


देवास। पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद द्वारा 360-पुलिसिंग के अन्तर्गत ज़िलेवासियों को सायबर फ्रॉड से राहत प्रदान करने हेतु “ऑपरेशन सायबर” प्रारंभ किया है । सायबर फ्रॉड की तत्काल सूचना देने हेतु “डायल-100” और “डायल-1930” के प्रयोग हेतु जनता को किया जा रहा “पुलिस चौपाल” के द्वारा जागरुक एवं सायबर फ्रॉड से बचने के उपाय व सायबर फ्रॉड होने पर तत्काल 1930 या 100 नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कराने हेतु किया जा रहा है प्रेरित।


              इसी अनुक्रम में "ऑपरेशन साइबर" के तहत ज़िला पुलिस साइबर सेल ने विगत 04 माह में 1 नवंबर 2024 से लेकर आज दिनांक तक विभिन्न शिकायतों में कुल *₹ 31,70,370/-* रुपये की ठगी गई राशि वापस करवाई है एवं *₹ 22,58,134/- रुपये की राशि को होल्ड भी करवाया गया है एवं माननीय न्यायालय के द्वारा कुल 22 आदेश प्राप्त होने पर *₹ 9,68,231/-* रुपये की राशि आवेदकों के बैंक खातों मे वापस करवाई गई है । जिस पर पुलिस अधीक्षक देवास पुनीत गेहलोद द्वारा जिन आवेदको के बैंक खातो में सायबर फ्रॉड में गई राशि सफलतापूर्वक पुनः वापस आने पर आवेदको को पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित मीटिंग हॉल में बुलाकर उनसे चर्चा कर प्रशंसा पत्र दिये गये । साथ ही उक्त प्रशंसनीय कार्य हेतु सायबर सेल टीम को भी प्रशंसा पत्र दिये गये।


देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि जहां एक तरफ़ सायबर फ्रॉड से बचने हेतु अनजान कॉलर को कोई भी निजी जानकारी शेयर ना करना और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करना ही सर्वोत्तम उपाय है, वहीं दूसरी तरफ़ सायबर फ्रॉड होने पर तत्काल सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या Dail 100 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराने की अपील भी देवास जिलेवासियों से की है।


                पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद के नेतृत्व में ज़िले में सायबर फ्रॉड के प्रत्येक मामले पर विशेष ध्यान देकर तत्काल फ्रॉड गई राशि को ना सिर्फ़ फ्रीज़ करवाया जा रहा है बल्कि विस्तृत रिपोर्ट बनाकर माननीय न्यायालय में पेश करते हुवे फ्रॉड गई राशि को पुनःआवेदक के खाते में भी लौटाया जा रहा है ।

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