देवास/बागली। (सुनील योगी) बहन भाई के अटूट और पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर बहन के नहीं होने पर भाई पर क्या बीतती है, यह सिर्फ भाई ही समझ सकता है। बागली में एक भाई अपनी बहन के घर आये और अपने भांजे से राखी बंधवाते वक्त उनकी आँखें बरस पड़ी। उप लोकयुक्त न्यायमूर्ति श्री उमेश चंद माहेश्वरी की बहन का असमय स्वर्गवास होने पर भी बहन का प्रेम उन्हें बागली खींच लाया और बहन के अंश भांजे से राखी बंधवाकर भाई का फर्ज निभाया।
बहुत गमगीन माहौल में प्रदेश के उप लोकायुक्त न्यायमूर्ति उमेश माहेश्वरी रक्षाबंधन पर्व की परंपरा निभाने अपनी छोटी लाडली बहन अन्नपूर्णा बजाज के घर पहुंचे जहां पर बहन की कमी देखकर अश्रु धारा नहीं रोक पाए कोरोना काल में कुछ दिन पूर्व बहन अन्नपूर्णा बजाज समय से पहले दुनिया को अलविदा कह गई लेकिन भाई ने परंपरा नहीं छोड़ी रक्षाबंधन पर्व पर अपनी बहन के घर आए यहां पर सबसे पहले बजाज परिवार की बिटिया राज्यश्री बजाज से राखी बधंवाई बाद मे भाजें अर्पित बजाज, रजत बजाज ने भी मामा के हाथों में राखी बांधी भरपूर आशीर्वाद के साथ बजाज परिवार के दुखद क्षणों में पर्व के दौरान उनकी अगवानी परिवार के लिए संबल प्रदान करने वाली रही प्रदेश के महत्वपूर्ण पद पर आसीन होने के चलते प्रोटोकॉल पालन में प्रशासन का पूरा अमला अलर्ट रहा इस दौरान श्रावण माह के अंतिम दिन जटाशंकर महादेव मंदिर दर्शन करने भी गए उनके साथ क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण चौधरी भी रहे। छोटी सी चर्चा में न्यायमूर्ति उमेश चंद जी माहेश्वरी ने बताया कि बागली नगर से उनका गहरा नाता है। यहां उनका परिवार है वह हमेशा यहां आते रहेंगे।
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