देवास। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री ने देवास नगर निगम पर 14 बिंदुओं पर जांच के लिए प्रेस वार्ता बुलाई थी। उस प्रेसवार्ता में नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार पर चर्चा कि और नगर निगम के जिम्मेदारों को दोषी ठहराया गया, और 14 बिंदुओं की जांच के लिए नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह जी एवं मुख्यमंत्री को जांच के लिए आवेदन देने का कहा।
उन्होंने कहा कि जैसे एक शराबी, जुआरी अपनी बुरी लत के कारण घर का सामान गिरवी रख देता है ठीक उसी प्रकार देवास नगर निगम को भी गिरवी रख दिया गया है। निगम की नई बिल्डिंग को भी गिरवी रख कर पैसे ले लिया गए है, पर उस पैसे को कहां लगाया गया है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। देवास नगर निगम में एक भी ऐसी योजना नहीं है, जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, निगम के स्वास्थ्य विभाग ने 1 वर्ष में ही एक करोड़ 48 लाख की दवाइयां खरीदी गई, इसमें भी उनका कहना है कि घोर भ्रष्टाचार हुआ है। सीवरेज योजना में भी भारी लापरवाही बरती गई। यूपीए सरकार द्वारा 156 करोड़ देवास नगर निगम को दिए गए उसमें से कार्य योजना बनाने से पहले ही 47 करोड़ अन्य मदो मे खर्च कर दिए गए। इसके लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा कोर्ट में केस दर्ज किया गया है। देवास नगर निगम में 30% की कमीशन खोरी हो रही है तो फिर गुणवत्ता हीन कार्य ही होंगे। सिंहसथ में जो नगर निगम देवास को आवंटित किया गया था उस मत का भी दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार किया है। प्रदीप चौधरी ने अमृत योजना में कितना पैसा आया वह कहां कहां खर्च किया गया उसकी भी जांच हो। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री ने माननीय मंत्री महोदय से निवेदन किया कि सभी बिंदुओं पर जांच की जावे हैं एवं दोषी अधिकारी, कर्मचारी या जनप्रतिनिधियों पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए डूबती हुई नगर निगम को बचाने की अपील की है।
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