5 दिसम्बर को चायनीज डोर से एक स्कूली छात्रा के दोनों पैरों में हुए थे घाव
देवास। कार्यपालिक दंडाधिकारी देवास ने अनुभाग देवास में धारा 144 के अंतर्गत चाइनीज डोर (पंतग उड़ाने के मांजे) को प्रतिबंधित किया है। कार्यपालिक दंडाधिकारी देवास द्वारा जारी आदेशानुसार आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध होगा। उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर 1000 रुपए का जुर्माना एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश से व्यथित व्यक्ति दंड प्रकिया की धारा 144 (5) के अंतर्गत अनुविभागीय दंडाधिकारी देवास के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
कार्यपालिक दंडाधिकारी अनुभाग देवास ने आदेश जारी किया है कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों प्रयोग करते हुए संपूर्ण अनुभाग देवास के क्षेत्रांतर्गत चायनीज डोर (पतंग उड़ाने का मांझा) के विक्रय, संधारण एवं विक्रय को पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
उल्लेखनीय है कि 5 दिसम्बर शहर में चायनीज डोर से एक स्कूली छात्रा के दोनों पैरों में घाव हो गए थे। इसके चलते इसे पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। चायनीज डोर सिंथेटिक मटेरियल/यार्न का बना होता है, जो मनुष्य एवं अन्य जानवरों की स्किन को काट देता है। यह धागा विद्युत का अच्छा चालक भी होता है, जिसके कारण बिजली के तारों में उलझने के कारण करंट लगने की संभावना भी रहती है। इसके अतिरिकत् यह धागा नान बायोडिग्रीडेबल मटेरियल की श्रेणी में आता है जो पर्यावरण प्रदूषण को भी बढ़ाता है। इसके खतरों को देखते हुए ही एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा भी इसे प्रतिबंधित किया गया है।
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