Friday 14 September 2018

Dewas - ट्रैफिक पुलिस को चालान बनाने से नहीं फुरस्त, शहर का यातायात अस्त व्यस्त | Kosar Express

बैंक का केश वाहन नजर आया नियमों का उल्लघंन करते, चालान बनाने की जगह ले आए थाने

देवास। शहर के यातायात किस तरह अस्त व्यस्त और बेतरतीब है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। यातायात को लेकर सिर्फ दिखावा ही किया जाता है उसमें कहीं कोई सुधार नहीं होता नजर आ रहा है। हाल ही में सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन 4 सितंबर से 11 सितंबर तक किया गया था। जिसकी शुरूआत हेलमेट रैली निकालकर की गई थी। इस जागरूता रैली में जिम्मेदार दो पहिया वाहनों पर हेलमेट पहनकर शहर में निकले थे। जिसके बाद पुरा सप्ताह बीत गया और सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन भी हो गया। लेकिन शहर के बेहाल यातायात को लेकर कोई कार्ययोजना बनाकर उसके सुधार की जिम्मेदार सुध नहीं लेना चाहते है। शहर का ऐसा कोई मार्ग नहीं जहां यातायात का कचूमर निकलता नहीं हो। गणेश उत्सव के साथ लगातार त्यौहारों को सिलसिला शुरू हो गया है। त्यौहारों को लेकर बाजार में यातायात का दबाब बढ़ जाता है। एमजी रोड़ की अगर हालत देखी जाए तो आसानी से समझा जा सकता है शहर के यातायात जिन जिम्मेदारों के हवाले है वो किस तरह अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते है। ट्रैफिक विभाग के नमुाईंदे हर दिन दो पहिया वाहनों के चालान बनाने में व्यस्थ रहते है। जिस यातायात विभाग की क्रेन का मुख्य काम बेतरतीब खड़े वाहनों पर कार्रवाई करना है वो क्रेन चालान बनाने मशगुल नजर आती है। इसी का ताजा उदाहरण उस समय सिविल लाइंस तिराहे पर देखने को मिला था जब ग्रामीण की बाइक क्रेन से लेकर थाने जाने पर बाइक सवार ने चालान बनाने को कहां और चालान बनाने की जगह उसके साथ मारपीट की।

बैंक का कैश वाहन नजर आया मैडम को
स्टेशन रोड़ पर बैंक के सामने सड़क किनारे बैंक का कैश वाहन खड़ा हुआ था। तभी टै्रफिक टीआई सुप्रिया चौधरी की नजर वाहन पर इनायत हुई। मैडम ने सड़क किनारे खड़े वाहन पर अपना रौब दिखाना शुरू कर दिया। मैडम ने वाहन के नियम विरूद्ध खड़े होने पर चालानी कार्रवाई करने की जगह उसे यातायात थाने पर ले आई। अब यह बात समझ नहीं आई की अगर बैंक का कैश वाहन यातायात के नियमों को तोड़ते हुए बीच सड़क पर खड़ा था तो नियमानुसार चालानी कार्रवाई करते हुए रसीद काट देना चाहिए थी। लेकिन मैडम उस वाहन को यातायात थाने पर ले आई। इसको लेकर जिम्मेदार की दलील है कैश वाहन के पास किसी तरह के कोई दस्तावेज नहीं थे। इस कारण उसे थाने पर लेकर आए है।



कागज पर सुधार....हकीकत में हाल बेहाल
यातायात के सुधार को लेकर कई बार कागजों पर कार्ययोजना बनाई जाती है लेकिन अमल होता कहीं नजर नहीं आता है। बिगड़ते यातायात की मुख्य वजह शहर में चल रहे मैजिक और बसें है। मैजिक के चालक वाहन को बीच सड़क पर खड़ा कर देते है और यातायात जाम हो जाता है। यह नजारा ट्रैफिक थाने के पास से उज्जैन तिराहे तक आसानी से हर पल देखा जा सकता है। वहीं बस के चालक बसों को बस स्टैंड से लेकर निकलते है। जिसके बाद बसों की स्पीड चलने की जगह रैंगने जैसी होती है जो रसुलपुर चौराहे तक इसी तरह रहती है। जहां सवारी दिखी नहीं कि बस को बीच सड़क पर खड़ा कर दिया। जिससे रोजाना जाम कि स्थिति निर्मित होती है। यह नजारा शायद यातायात के जिम्मेदारों को नजर नहीं आता है या फिर देख पर अनदेखा कर दिया जाता है। अब यह समझ में नहीं आ रहा है जिन मैजिक और बसों के कारण यातायात का हाल बेहाल हो रहा है उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।

इनका कहना है
कैश वाहन के पास किसी तरह के दस्तावेज नहीं थे। इस कारण उसे थाने लेकर आए है। दस्तावेज दिखाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बैंक में अटैच है तो जरूरी नहीं है उसके सभी दस्तावेज सही हो। बिना रिकार्ड देखे में यह नहीं बात सकती हूं कितने मैजिक पर चालानी कार्रवाई की है। मैजिक और बसों पर भी कार्रवाई की जाती है। जो नियम से गलत चलेगा सभी के चालान बनाते है।

सुप्रिया चौधरी
ट्रैफिक टीआई

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