जान बचाने के लिए आंतें काटनी पड़ीं, चेहरे पर दांत से काटने के निशान
- बच्ची को स्कूल के गेट से बहलाकर ले गया था दुष्कर्मी
- बच्ची की स्थिति गंभीर, नाक पर भी इतने गहरे जख्म की सांस लेने के लिए ट्यूब लगानी पड़ी
इंदौर. मंदसौर में स्कूल की छुट्टी के बाद 7 साल की एक बच्ची को अगवा कर उससे दुष्कर्म किया गया। उससे इतनी हैवानियत की गई कि डॉक्टर भी कांप गए। दर्द से कराहती कुछ देर के लिए बस आंख खोलती है। सिरहाने बैठे पिता से सिर्फ इतना बोली कि वह हाथ पकड़कर ले गया था। वहीं मां उसे पथराई आंखों से एकटक देखती रहती है। उसके चेहरे पर जगह-जगह दांत से काटने के निशान हैं। रैक्टम (मलाशय) बुरी तरह फट गया है। अन्य प्राइवेट पार्ट लहूलुहान हैं।
घटना मंगलवार शाम की है। बच्ची को मंदसौर जिला अस्पताल से बुधवार शाम को ही इंदौर के एमवाय अस्पताल रैफर किया गया था। रात में ही डॉक्टरों को ऑपरेशन करना पड़ा। आंतों को काटकर बाहर एक रास्ता बनाकर प्राइवेट पार्ट्स को रिपेयर किया गया। नाक पर जख्म इतने गहरे कि ट्यूब लगानी पड़ी और मुंह के घावों को ढंकने के लिए ल्यूकोप्लास्टी की गई। सामूहिक ज्यादती के विरोध में गुरुवार को मंदसौर बंद रहा। भारी आक्रोश के चलते पुलिस आरोपी इरफान खानको कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। शाम को पुलिस ने जज से गुहार लगाई। इसके बाद कोर्ट खुद कंट्रोल रूम पहुंची, जहां इरफान को 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड में रखे जाने का फैसला हुआ।
परिवार को भी किसी से मिलने की मनाही :मासूम का इलाज कर रहे डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि बच्ची को गंभीर चोट के निशान हैं। प्राइवेट पार्ट्स को संक्रमित होने से बचाने और रैक्टम से मोशन पास हो सके, इसलिए आंतों को काटकर बाहर से रास्ता (कोलेस्टोमी) बनाया गया। एक यूनिट ब्लड भी चढ़ाया। हालत अभी स्थिर है। थोड़ा-थोड़ा पानी पीने की इजाजत दी है। बच्ची अभी भी सदमे में है, इससे बाहर निकलने में उसे वक्त लगेगा।
वार्ड को कांच की दीवारों से दो हिस्सों में बांटा गया है। बच्ची के पास दो पुलिसकर्मी तैनात हैं। दो वार्ड में और दो वार्ड के बाहर पहरा दे रहे हैं। परिवार को भी किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा। माता-पिता बेबसी से बच्ची की आंख खोलने का इंतजार कर रहे हैं। रात से सुबह तक पलंग पर एक करवट लिए वह बेजान पड़ी रही। आंसू रोके मां उसे इस उम्मीद में ताकती रहती कि वह उठे और बात करे। वह कुछ देर आंखें खोलती है और फिर बंद कर लेती है।
पिता बोले- उस दिन 15 मिनट लेट स्कूल गया, पहुंचा तो बच्ची नहीं मिली :मासूम के पिता ने बताया कि मेरी बच्ची उठती है और सो जाती है। वह मुझे पहचान गई। सिर्फ एक बार बोली। उन्होंने बताया कि उस दिन मैं 15 मिनट लेट गया था। शाम 5.45 बजे स्कूल पहुंचा तो बच्ची नहीं मिली। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस दरिंदे ने मेरी बच्ची के साथ ऐसा किया है उसे चौराहे पर खड़ा कर फांसी हो, तभी हमें शांति मिलेगी।
सीसीटीवी कैमरा बंद था : बच्ची सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ती है। दुष्कर्मी उसे स्कूल गेट से ही बहलाकर अपने साथ ले गया था। स्कूल गेट को कवर करने के लिए परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगा है लेकिन घटना के दौरान वह बंद था। घटना के समय सुरक्षा गार्ड भी पार्क में चला गया था। प्रधानाचार्य ने बताया था कि कर्मचारी ने सफाई के दौरान लाइट बंद करते वक्त कैमरे का स्विच भी बंद कर दिया। कई लोगों ने कहा स्कूल की यह थ्योरी गले उतरने लायक बिल्कुल नहीं है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के कुछ पैरेंट्स ने तो यहां तक कहा कि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण दुष्कर्मी मंसूबों में कामयाब हो गया। गेट पर कैमरा बंद और चौकीदार अपने में मगन रहे ऐसा कैसे हो सकता है। इस लापरवाही के पीछे क्या कोई षड्यंत्र भी हो सकता है?
अस्पताल में भर्ती मासूम के चेहरे पर हैवानियत के ऐसे निशान हैं कि देखकर रूह कांप जाए।
मंदसाैर में मासूम को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उमड़ा जनसैलाब। |
- बच्ची की स्थिति गंभीर, नाक पर भी इतने गहरे जख्म की सांस लेने के लिए ट्यूब लगानी पड़ी
घटना मंगलवार शाम की है। बच्ची को मंदसौर जिला अस्पताल से बुधवार शाम को ही इंदौर के एमवाय अस्पताल रैफर किया गया था। रात में ही डॉक्टरों को ऑपरेशन करना पड़ा। आंतों को काटकर बाहर एक रास्ता बनाकर प्राइवेट पार्ट्स को रिपेयर किया गया। नाक पर जख्म इतने गहरे कि ट्यूब लगानी पड़ी और मुंह के घावों को ढंकने के लिए ल्यूकोप्लास्टी की गई। सामूहिक ज्यादती के विरोध में गुरुवार को मंदसौर बंद रहा। भारी आक्रोश के चलते पुलिस आरोपी इरफान खानको कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। शाम को पुलिस ने जज से गुहार लगाई। इसके बाद कोर्ट खुद कंट्रोल रूम पहुंची, जहां इरफान को 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड में रखे जाने का फैसला हुआ।
परिवार को भी किसी से मिलने की मनाही :मासूम का इलाज कर रहे डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि बच्ची को गंभीर चोट के निशान हैं। प्राइवेट पार्ट्स को संक्रमित होने से बचाने और रैक्टम से मोशन पास हो सके, इसलिए आंतों को काटकर बाहर से रास्ता (कोलेस्टोमी) बनाया गया। एक यूनिट ब्लड भी चढ़ाया। हालत अभी स्थिर है। थोड़ा-थोड़ा पानी पीने की इजाजत दी है। बच्ची अभी भी सदमे में है, इससे बाहर निकलने में उसे वक्त लगेगा।
वार्ड को कांच की दीवारों से दो हिस्सों में बांटा गया है। बच्ची के पास दो पुलिसकर्मी तैनात हैं। दो वार्ड में और दो वार्ड के बाहर पहरा दे रहे हैं। परिवार को भी किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा। माता-पिता बेबसी से बच्ची की आंख खोलने का इंतजार कर रहे हैं। रात से सुबह तक पलंग पर एक करवट लिए वह बेजान पड़ी रही। आंसू रोके मां उसे इस उम्मीद में ताकती रहती कि वह उठे और बात करे। वह कुछ देर आंखें खोलती है और फिर बंद कर लेती है।
पिता बोले- उस दिन 15 मिनट लेट स्कूल गया, पहुंचा तो बच्ची नहीं मिली :मासूम के पिता ने बताया कि मेरी बच्ची उठती है और सो जाती है। वह मुझे पहचान गई। सिर्फ एक बार बोली। उन्होंने बताया कि उस दिन मैं 15 मिनट लेट गया था। शाम 5.45 बजे स्कूल पहुंचा तो बच्ची नहीं मिली। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस दरिंदे ने मेरी बच्ची के साथ ऐसा किया है उसे चौराहे पर खड़ा कर फांसी हो, तभी हमें शांति मिलेगी।
सीसीटीवी कैमरा बंद था : बच्ची सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ती है। दुष्कर्मी उसे स्कूल गेट से ही बहलाकर अपने साथ ले गया था। स्कूल गेट को कवर करने के लिए परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगा है लेकिन घटना के दौरान वह बंद था। घटना के समय सुरक्षा गार्ड भी पार्क में चला गया था। प्रधानाचार्य ने बताया था कि कर्मचारी ने सफाई के दौरान लाइट बंद करते वक्त कैमरे का स्विच भी बंद कर दिया। कई लोगों ने कहा स्कूल की यह थ्योरी गले उतरने लायक बिल्कुल नहीं है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के कुछ पैरेंट्स ने तो यहां तक कहा कि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण दुष्कर्मी मंसूबों में कामयाब हो गया। गेट पर कैमरा बंद और चौकीदार अपने में मगन रहे ऐसा कैसे हो सकता है। इस लापरवाही के पीछे क्या कोई षड्यंत्र भी हो सकता है?
गुरुवार को लोगों ने घटना के विरोध में पूरा मंदसौर शहर बंद रखा। |
मंदसौर में तनाव के चलते पूरे शहर में पुलिस बल तैनात रहा। |
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