कमलनाथ इन दिनों सुर्खियों में हैं। वो मीडिया को बुला रहे हैं। लगातार बयान जारी कर रहे हैं। बीते रोज एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावे के साथ कहा कि वो कोई कारोबारी नहीं हैं। वो किसी कंपनी में डायरेक्टर नहीं हैं। उनके पास किसी कंपनी के शेयर भी नहीं हैं। वो राजनीति में सेवा के लिए आए हैं। कमलनाथ की पूर्व में की गईं संपत्ति की घोषणाएं उनके ही इस बयान पर सवाल खड़े कर रहीं हैं। कमलनाथ भारत के एक ऐसे मंत्री रहे जिनकी संपत्ति में मात्र 5 साल में करीब 1500 गुना का इजाफा हुआ। मात्र 5 साल में वो 14 करोड़ से 206 करोड़ पर पहुंच गए थे।
बात 2009 से 2014 के बीच की है। मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में कमलनाथ कैबिनेट मंत्री थे। उनके पास सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय था। बाद में शहरी विकास विभाग भी मिला। इसी दौरान उनकी संपत्ति में जबर्दस्त उछाल दर्ज किया गया। इस अवधि में कमलनाथ की कुल सपंत्ति में 1471 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई।
कमलनाथ के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 2009 में उनके पास मात्र 14 करोड़ की संपत्ति थी परंतु 2014 में वो 206 करोड़ की संपत्ति के मालिक थे। याद दिला दें कि यह वह वक्त है जब देश भर में प्रॉपर्टी के दाम तेजी से घटे जो आज तक बढ़ नहीं पाए। सवाल यह है कि जब कमलनाथ यूपीए सरकार में मंत्री थे। समाज की सेवा कर रहे थे तो 5 साल में 192 करोड़ रुपए कहां से कमाए। जबकि बकौल कमलनाथ वो कारोबारी नहीं हैं।
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