नई दिल्ली। कास्टिंग काउच पर बहस तेज हो चुकी है। इसके समर्थन और विरोध में आवाज उठ रहीं हैं। अभिनेत्रियां अपने बुरे अनुभव भी शेयर कर रहीं हैं। मराठी फिल्म अवॉर्ड जीतने वाली उषा जाधव ने बताया है कि एक बार उनसे पूछा गया था कि अगर उन्हें मौका दिया जाता है तो बदले में वो क्या देंगी। उन्होंने बताया, “मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास देने के लिए पैसे नहीं हैं। तो ये सुनकर मुझसे कहा गया कि नहीं पैसों की बात नहीं है, बल्कि अगर कोई तुम्हारे साथ रात बिताना चाहे, या तो वो प्रोड्यूसर हो या फिर डायरेक्टर हों या फिर दोनों ही हों।” उन्होंने बताया, ‘‘मुझसे कहा जाता था कि एक एक्ट्रेस को खुशी-खुशी सेक्स करने आना चाहिए। वो मुझे जहां भी मन हो छूता था, जहां भी दिल करे वो मुझे किस करता था, मैं ये सब देखकर शॉक्ड थी। वो मेरे कपड़ों के अंदर अपना हाथ ले जाता था, जब मैंने उसे ऐसा करने से रोका तो उसने कहा कि अगर तुम्हें इस इंडस्ट्री में काम करना है तो ये सही एटिट्यूड नहीं है।
आवाज उठाई तो करियर बर्बाद हो जाएगा
राधिका आप्टे ने इससे पहले भी कई बार इस मुद्दे पर अपनी बात खुलकर रखी है। इस डॉक्युमेंट्री में राधिका ने बताया है कि आखिर क्यों लोग पीड़ित होने के बावजूद चुप रहते हैं। राधिका ने इस डॉक्युमेंट्री में कहा है, “कुछ लोगों को भगवान की तरह पूजा जाता है। वे लोग इतने ताकतवर होते हैं कि पीड़ित को लगता है कि उनकी आवाज को कोई सुनेगा ही नहीं या फिर ये लगता है कि अगर मैंने आवाज उठाई तो मेरा करियर बर्बाद हो जाएगा।‘‘ राधिका आप्टे ने उम्मीद जताई है कि हॉलीवुड में हो रहे यौन शोषण के खिलाफ जैसे रुडमज्वव कैंपेन की शुरूआत हुई, काश बॉलीवुड में भी ये कदम उठाया जाता।
क्यों उठा मामला
आपको बता दें कि कुछ समय कास्टिंग काउच पर बवाल मचा हुआ है। इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब तेलुगू अभिनेत्री श्री रेड्डी इसके खिलाफ कपड़े उतार कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बाहुबली में नजर आ चुके अभिनेता राणा दग्गुबत्ती के भाई अभिराम दग्गुबाती पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद तेलुगू की कुछ और अभिनेत्रियां सामने आईं और कास्टिंग काउच के खिलाफ प्रदर्शन किया। ये मामला और बढ़ गया जब इस मुद्दे पर बॉलीवुड की जानी मानी कोरियोग्राफर सरोज खान ने कहा कि कम से कम बॉलीवुड रोटी तो देता है, रेप करके छोड़ नहीं देता।
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