नई दिल्ली। जातिगत आरक्षण के खिलाफ कुछ संगठनों के मंगलवार को भारत बंद के आह्वान को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को सतर्क कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाने को कहा है।
साथ ही गृह मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि बंद के दौरान हिंसक घटनाओं के लिए उस क्षेत्र के एसएसपी और डीएम जिम्मेदार होंगे। मालूम हो कि दलित उत्पीड़न कानून को कथित तौर पर कमजोर करने के खिलाफ दो अप्रैल को दलित संगठनों की ओर से आयोजित भारत बंद के दौरान हिंसक झड़पों में कई लोग मारे गए थे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर जाति के आधार पर आरक्षण के विरोधी कई संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वाट्सएप पर इस मैसेज को खूब शेयर किया जा रहा है और लोगों से भारत बंद का समर्थन करने की अपील की जा रही है। इसे देखते हुए सभी राज्य सरकारों को सुरक्षा चाक चौबंद करने और हिंसा रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। इसमें संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ाना और बंद के दौरान उत्पात की आशंका वाली जगहों पर पुलिस बल की तैनाती शामिल है।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि इस दौरान किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए। यदि किसी क्षेत्र में ऐसा होता है तो उसके लिए सीधे तौर पर उस इलाके के एसएसपी और डीएम को जिम्मेदार माना जाएगा।
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