Saturday 28 April 2018

सीएम शिवराज ने जिन्हे परमानेंट किया, अफसरों ने नौकरी से निकाल दिया

इंदौर। पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह ने सीएम हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सिंहस्थ मेला ड्यूटी करने वाले सभी होमगार्ड सैनिकों को नियमित करने का ऐलान किया था लेकिन अधिकारियों ने इन्हे अयोग्य करार देना शुरू कर दिया है। इंदौर में मौजूदा अफसरों की कमेटी ने 35 से ज्यादा जवानों को अयोग्य करार दिया है। वो नियमित किए जाने से पहले एक बार फिर फिटनेस टेस्ट ले रहे हैं जबकि नियुक्ति से पूर्व भी यह टेस्ट हुआ था। 

2790 जवानों को किया था भर्ती


2015 में सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में नदी के घाट व अन्य स्थानों पर सुरक्षा का जिम्मा संभालने के लिए होमगार्ड के पास पर्याप्त बल नहीं था। तब इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, भोपाल और होशंगाबाद संभागों में से करीब 2790 जवानों को अस्थाई व स्वयं सेवक के रूप में भर्ती किया गया था। इनमें इंदौर संभाग के 727 जवान शामिल थे, जिन्हें 2 माह का प्रशिक्षण और एक महीने ड्यूटी के लिए रखा था। इन जवानों को सिवनी, बालाघाट में एक माह के लिए बाढ़ आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग भी दी गई थी।

हो रही फिटनेस की जांच
सीएम ने इनके काम से खुश होकर इन्हें होमगार्ड में रिक्त 3500 पदों पर रखने की घोषणा की थी। यही वजह है कि होमगार्ड प्रशासन इन जवानों की रिस्क्रूटनी कर रहा है। 23 अप्रैल से इंदौर संभाग के जवानों को अलग-अलग तारीख पर बुलाकर संबंधित दस्तावेजों का मिलान, पुलिस चरित्र सत्यापन और शारीरिक फिटनेस की जांच कर रहा है। हालांकि इसमें कई युवाओं अंडर एज बताया तो कई को हाइट व चेस्ट के तय मापदंड पूरा नहीं करने पर हटा दिया गया। ऐसे में उन अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं जिन्होंने पहले इन्हें फिट घोषित किया था।

क्या कहता है विभाग 
इंदौर के करीब 700 युवा स्थाई भर्ती की प्रक्रिया में शामिल हुए थे, जिसमें से 30 से 35 ही अंडर एज व शारीरिक मापदंडों को पूरा न करने की वजह से बाहर हुए हैं। पहले किस आधार पर इनकी नियुक्ति हुई थी हम नहीं कह सकते।
देवेंद्र कुमार विजयत, डिविजनल कमांडेंट होमगार्ड, इंदौर संभाग

ये है बड़ा सवाल
बड़ा सवाल यह है कि जब नौकरी देने से पहले एक परीक्षा हो चुकी है तो फिर नियमितीकरण से पहले वही परीक्षा दोबारा क्यों। यदि देवेंद्र कुमार विजयत, डिविजनल कमांडेंट होमगार्ड, इंदौर संभाग की बात को आधार मान लें तो फिर हर प्रमोशन से पहले भी फिटनेस होनी चाहिए। नियमों को अपने हिसाब से बदला नहीं जा सकता। कहीं यह नियमितीकरण से पहले कालाधन कमाने की कोई साजिश तो नहीं।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.