Tuesday 7 August 2018

छतरपुर में मासूम से दुष्कर्मी को फांसी की सजा, 26 दिन में आया फैसला | Kosar Express

जिला अदालत में ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म के मामले में आरोपी तौहीक खान को फांसी की सजा सुनाई है

छतरपुर। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने दो साल की अबोध बालिका के दुष्कर्मी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इस चर्चित मामले में कोर्ट ने महज 6 तारीखों में सुनवाई पूरी की और 26 दिन में अपना फैसला सुना दिया। दुष्कर्म की घटना 24 अप्रैल की है और 11 जुलाई को मामला कोर्ट में पेश किया गया।

जिला अभियोजन अधिकारी एसके चतुर्वेदी के अनुसार दो साल की मासूम बेटी की मां ने 24 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रात में करीब साढ़े 10 बजे जब वह अपने देवर को रस्सी देने बाहर आई थी और उससे बात कर रही थी तभी घर के अंदर के कमरे से उसकी मासूम बेटी के चिल्लाने व रोने की आवाज आई। जब वह दौड़ कर अंदर गई तो देखा कि बेटी चारपाई पर लेटी थी और आरोपी तौहीद मोहम्मद उसके साथ बलात्कार कर रहा था। मासूम खून से लथपथ थी। यह दरिंदगीपूर्ण घटना देख मां ने चीख पुकारकर मोहल्लेवासियों को बुलाया। उनकी मदद से आरोपी को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने फरियादी मां की रिपोर्ट पर धारा 376, 450, 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर पुलिस ने 11 जून को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया।

तब तक फांसी तक लटकाया जाए जब तक मृत्यु न हो जाए
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम ने अपने फैसले में लिखा है कि कोर्ट में पेश किए साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर अभियुक्त तोहीद मोहम्मद को मृत्युदंड की सजा देना न्यायोचित और आवश्यक भी है। अत: अभियुक्त को आईपीसी की धारा 376 (क) (ख) के आरोप में मृत्युदंड से दंडित किया जाता है। सजा की पुष्टि के लिए फैसला जबलपुर हाईकोर्ट भेजा रहा है। पुष्टि उपरांत अभियुक्त को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।

मध्य प्रदेश में रेपिस्ट को दी जाएगी फांसी
मप्र में 12 साल से कम उम्र के मासूमों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी देने का कानून बन गया है। सरकार ने अध्यादेश के बाद कानून को पास कर दिया है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी होनी बाकी है।

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