Monday 14 May 2018

भाजपा नेता के नमकीन कारखाने में लगी आग, पहला भी कई बार हो चुकी है शिकायत


देवास । गत रात शहर के प्रतिष्ठित नमकीन व्यापारी सर्वोत्तम नमकीन के बस स्टेण्ड स्थित कारखाने में आग लग गई। आग को काबू पाने के लिये 6 फायर ब्रिगेड, 3 बड़े टैंकर और करीब 1 हजार लीटर फोम लगा। शहरी क्षेत्र और बीच बाजार में इस प्रकार की आग लगने से चारो और आग की लपटे दिखाई दे रही थी। यह लपटे तो हमें दिखाई दे गई लेकिन शहर में और भी इस तरह के कारखाने संचालित हो रहे हैं। जहां रहवासियों की जान हथेली पर रखकर यह काम वर्षो से चल रहा है, लेकिन इस और कोई ध्यान देने वाला ही नहीं है, ताजा नमकीन के नाम पर बड़े-बड़े कारखाने संचालित कर बीच बाजार में दुकानदारों के साथ ही रहवासियों की जान को भी खतरे में डाला जा रहा है।

धर्म और पार्टी का गमछा लपेटकर दिया जाता है काम को अंजाम
बस स्टेण्ड पर जिस सर्वोत्तम नमकीन के कारखाने में आग लगी है, वह बीजेपी के एक नेता का कारखाना और फर्म है, इसी तरह शहर में और भी नमकीन और मिठाईयों के कारखाने रहवासी क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। बताते चले ज्यादातर इन व्यवसायियों ने धर्म के ठेकेदार या फिर किसी भी पार्टी का गमछा अपने गले में डालकर आडम्बर फैलाकर अपना व्यवसाय बड़ा रहे हैं। इन व्यवसायियों के धर्म के नेता बनने से न तो धर्म कोई लाभ है, और जो पार्टी का गमछा अपने गले में डालकर अपना उल्लू सीधा करते हैं, उन्होंने पार्टी को भी कोई विशेष लाभ नहीं होता है। यह लोग सिर्फ पार्टी या कुछ धार्मिक कार्यक्रमों में अपनी और से कुछ सहायता जरूर करते हैं, लेकिन उसके बदले में यह हजारों लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं, और बीच बाजार में अपने कारखाने भी संचालित कर रहे हैं, इसी तरह अपने पद का रौब भी यह लोग हमेशा झाडते हैं। और बड़े लोगों से पहचान का लाभ उठाकर कई बार यह लोग बच जाते हैं।

कर्मचारियों को समझते हैं गुलाम
शहर के इन नमकीन व्यापारियों का रौब इतना रहता है कि यह संबंधित विभागों के कर्मचारियों को अपना गुलाम समझते हैं, क्योंकि विभाग के मुखिया का इनसे याराना होता है, और ऊपर से राजनैतिक संरक्षण..? इसी वजह से देवास में आज तक कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हुई है। अब देखना यह सर्वोत्तम नमकीन की घटना के बाद जिला प्रशासन क्या फैसला लेता है।

इनका कहना है
कल की घटना के बाद अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है कि वह जानकारी इकट्टा कर जल्द से जल्द दें। शहर के बारे में भी जानकारी मांगी है।
-श्रीकांत पाण्डेय, कलेक्टर, देवास


उठे बड़े सवाल-

-रहवासी क्षेत्र में कैसे चल रहा था नमकिन बनाने का कारखाना??
-इतना केरोसिन कहा से आया? 
-आसपास के रहवासी पहले ही कर चुके है शिकायत, तो क्यो नही हुई कार्रवाई... 

आप को बता दे वही आसपास मौजूद है नमकीन बनाने के तीन कारखाने...  

साभार
PVS

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