Saturday 21 April 2018

कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस: विरोध-प्रदर्शन के बीच SSP का ट्रांसफर

कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस के चलते देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच कठुआ केSSP सुलेमान चैधरी का ट्रांसफर कर दिया गया है. सुलेमान चैधरी की जगह अब श्रीधर पाटिल कठुआ के SSP का पद संभालेंगे.

ज्ञात हो कि कठुआ में 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस पर मामले का रफा-दफा करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप भी लगे. हालांकि पुलिस इस ट्रांसफर को रूटीन प्रॉसेस बता रही है.

मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा पेश चार्जशीट के अनुसार, आरोपियों में शामिल सांझी राम स्थानीय पुलिस के संपर्क में था और उसने मामले को दबाने और अपने सहित अन्य आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस को 3 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. 

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि कठुआ पुलिस थाने में तैनात ैप् आनंद दत्ता और कांस्टेबल तिलक राज ने रिश्वत लेकर मामले को दबाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी थी. मासूम बच्ची के साथ रेप कर उसकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार सभी 8 आरोपियों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है.

गौरतलब है कि कठुआ में एक मासूम बच्ची से गैंगरेप और उसके बाद उसकी हत्या को लेकर पूरा देश गुस्से में है. धरती की जन्नत से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक लोगों ने प्रदर्शन कर पीड़ित परिवार को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की.

इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में और सोशल साइट पर मंदिर के घटनास्थल होने, यहां तक कि बच्ची के साथ रेप होने को लेकर ही प्रश्नचिह्न लगे. लेकिन FSL की रिपोर्ट में इस बात की पुष्ट‍ि हुई है कि मंदिर में मिले खून के धब्बे पीड़िता के ही हैं. इससे इस बात की लगभग पुष्ट‍ि हो जाती है कि आठ साल की बच्ची से मंदिर के अंदर ही बलात्कार किया गया.

दिल्ली FSL ने अपनी रिपोर्ट अप्रैल के पहले हफ्ते में ही दी है. यही नहीं, मंदिर से मिले बाल की लड़ि‍यों की जांच करने पर पता चला कि उसकी डीएनए प्रोफाइल एक आरोपी शुभम सांगरा से मिलती है.

कठुआ केस की पूरी FSL रिपोर्ट

इस रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि पीड़िता के कपड़ों पर मिले खून के धब्बे उसके डीएनए प्रोफाइल से मैच करते हैं. इसके साथ ही, दिल्ली एफएसएल ने पीड़िता के यौनांग में भी खून पाए जाने की बात पुष्ट की है.

कठुआ केस के बाद नाबालिगों के साथ रेप के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग ने इतना जोर पकड़ा कि केंद्र सरकार को संबंधित POCSO कानून में बदलाव करना पड़ा. आज प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय कैबिनेट ने 12 साल तक के बच्चों से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

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