Friday 20 April 2018

जानें, क्या हुआ था नरोदा पाटिया में, रंग लाई शाह की गवाही

 
                                                                                                                                    
गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी. ये नरसंहार 28 फरवरी 2002 को हुआ था. इस दंगे में 33 लोग घायल भी हुए थे. इस मामले में हाई कोर्ट ने माया कोडनानी को दोषमुक्‍त कर दिया है.

       
                            
यह घटना 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाए जाने के एक दिन बाद हुई थी. विश्व हिन्दू परिषद ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया था. इसी दौरान नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था. वहीं बाबू बजरंगी की सजा बरकरार रखी है.


इसे गुजरात दंगों में सबसे बड़ा दंगा माना जाता है. नरोदा का मामला 2002 के गुजरात दंगों का सबसे बड़ा कत्लेआम था, जिसमें सबसे अधिक लोगों की मौत हुई थी. नरोदा पाटिया दंगों में 11 मुस्लिमों की हत्या हुई थी.


नरोदा पाटिया कांड का मुकदमा अगस्त 2009 में शुरू हुआ और 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे. सुनवाई के दौरान एक अभियुक्त विजय शेट्टी की मौत हो गई.


अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए. इनमें पत्रकार, कई पीड़ित, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी शामिल थे. आपको बता दें कि दोषी माया कोडनानी के लिए अमित शाह ने भी गवाही दी थी. शाह के अनुसार दंगे के दौरान माया कोडनानी विधानसभा में थीं.


29 अगस्त 2012 को न्यायधीश ज्योत्सना याग्निक की अध्यक्षता वाली अदालत ने बीजेपी विधायक और नरेन्द्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को हत्या और षडयंत्र रचने का दोषी पाया था. हालांकि हाईकोर्ट ने कोडनानी को बरी कर दि‍या है.


नि‍चली अदालत  ने 32 लोगों को दोषी करार दिया था. नि‍चली अदालत ने मामले में अभियुक्त बनाए गए 29 अन्य लोगों को बरी कर दिया था.


यह मामला गुजरात दंगों से जुड़े नौ मामलों में से एक है, जिनकी जांच एसआईटी ने की है. ऐसे में अब हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री कोडनानी को निर्दोष घोषि‍त कर द‍िया है.


इस मामले में माया कोडनानी ने कहा था कि जिस वक्त नरोदा गाम में दंगे हो रहे थे, वह अमित शाह के साथ अहमदाबाद की शोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं. कोडनानी के इसी बयान पर कोर्ट ने अमित शाह को बतौर गवाह बयान देने के लिए हाजिर होने के लिए कहा था. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि 28 फरवरी 2002 को माया कोडनानी विधानसभा में हाजिर थीं. वहीं माया कोडनानी उन्‍हें पोस्टमॉर्टम हाउस में भी मिली थीं.



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